बाराबंकी। तेज उमस भरी गर्मी मच्छरों के बढ़ने की आशंका के चलते संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों से बचाव के बारे में जानकारी देना शुरू कर दिया है। जनपद में गांवों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों को संचारी रोगों और कोरोना के प्रति जागरूक कर रही हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान आगामी 01 जुलाई से 31 जुलाई तक एवं दस्तक अभियान 12 जुलाई से 25 जुलाई तक चलेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अविनाश ने कहा कि लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया जा रहा है, लेकिन बरसात होने के चलते लोगों को स्वयं भी सावधानी बरतनी होगी। अभियान के दौरान हर रविवार मच्छर पर वार कार्यक्रम पर जोर दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को बरसात में जल भराव के चलते पनपने वाले मच्छरों से बचाव की जानकारी दे रही हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारी फैलती हैं। इसलिए जरूरी है कि उन्हें पनपने ही नहीं दिया जाए। कोरोना के साथ-साथ लोग मलेरिया, डेंगू से भी अपना बचाव करें।
जिले के ग्राम पंचायत सड़वा भेलू की आशा कार्यकर्ता अंजू देवी ने बारिश के बाद बढ़ते मच्छरो के प्रकोप को कम करने के लिए दवा का छिड़काव कराया गया। साथ ही लोगों को मच्छरो से बचने का उपाय बताते हुए जागरूक किया गया। 2 – ग्राम पंचायत कोडर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा ने संचारी रोग नियंत्रण आभियान एवं डेगूं, मलेरिया के बचाव के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखने एवं कूलर में प्रतिदिन पानी बदलने, जलभराव वाली जगह से दूर रहने सहित विस्तार से बताया।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के नोङल डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत गृह भ्रमण के दौरान आशा एएनएम को कोविड प्रोटोकाल का ध्यान रखने को कहा गया है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के परामर्शदाता अहतेशाम खान का कहना है कि तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, बदन में चकत्ते होने की दशा में तत्काल जिला अस्पताल अथवा पास के किसी चिकित्सा केंद्र में जांच करवाएं।
संचारी रोगों से बचाव के उपाय-
घरों के आसपास गंदा पानी न जमा हो, कूलरों में पानी जमा न करें, मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी लगाये, पूरे आस्तीन की कमीज और फुल पैंट पहनें, सुअरों को घर से दूर रखें, पीने के लिए शुद्ध पेयजल का प्रयोग करें, पानी हमेशा ढक कर रखें, पक्के व सुरक्षित शौचालय का प्रयोग करें, शौच के बाद व खाने के पहले साबुन से हाथ अवश्य धोएं, नाखूनों को काटते रहें, लंबे नाखूनों से भोजन बनाने व खाने से भी बीमारी होती है, बासी भोजन नहीं करना चाहिेए, दिमागी बुखार के मरीज को दाएं या बाएं करवट लिटाएं, यदि तेज बुखार हो तो पानी से बदन पोंछते रहे।