विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा में कुए में गिरे बच्चे को बचाने के दौरान अन्य लोगों के गिरने के कारण हुए हादसे में 11 लोगों की मृत्यु हुयी है और 20 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। 24 घंटे तक चला बचाव कार्य आज देर रात संपन्न हो गया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कल देर शाम कुए में एक बच्चे के गिरने की सूचना के बाद दर्जनों ग्रामीण उसे बचाने के प्रयास में कुए की मुंडेर और उस पर रखी जाली पर खड़े हुए थे। वजन ज्यादा होने से जाली समेत दर्जनों लोग कुए में गिर गए और मिट्टी भी धसक गयी। इसकी सूचना पर प्रारंभ हुए राहत एवं बचाव कार्य के दौरान भी मिट्टी धसक गयी और बचाव कार्य में लगा ट्रेक्टर तथा चार लोग भी कुए में जा गिरे थे। तत्काल हुए प्रयासों के चलते 20 लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया था। इनमें से तीन चार को छोड़कर शेष को मामूली चोट हैं। इन तीन चार लोगों का इलाज अब भी अस्पताल में चल रहा है। शेष को प्राथमिक उपचार के बाद आज घर जाने दिया गया।
सूत्रों के अनुसार देर रात एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ ही विशेषज्ञों की देखरेख में कुए के आसपास जेसीबी और पोकलेन मशीनों की मदद से खुदायी की गयी, ताकि और अधिक गहरायी तक मलबे में दबे लोगों तक पहुंचा जा सके। आज रात दस बजे बाद तक चले बचाव कार्य के दौरान कुल 11 लाेगों के शव निकाले गए। इस तरह हादसे में कुल 11 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो गयी।
सूत्रों ने कहा कि प्रशासन ने आज आसपास के क्षेत्रों में उन लोगों के बारे में सर्वेक्षण कराया, जो अब तक घर नहीं पहुंचे हैं। इसी आधार पर अनुमान लगाया गया है कि अब मलबे में कोई नहीं है। फिर भी प्रशासन ने संबंधित क्षेत्र में बेरिकेडिंग कर किसी के भी प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक दो दिन और इंतजार किया जाएगा। यदि किसी के गुम होने की सूचना मिलेगी, तो यहां उसे खोजा जा सकता है।
गंजबासौदा तहसील मुख्यालय के बाहरी क्षेत्र में हुए इस हादसे की निगरानी भोपाल में हाल ही में प्रारंभ किए गए ‘वल्लभ भवन सिचुएशन रूम’ से कल रात से ही की जा रही थी। दरअसल घटनास्थल से ड्रोन की मदद से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के जरिए ‘लाइव फीड’ सिचुएशन रूम तक पहुंचती है और वहां इसकी निगरानी कर रहे विशेषज्ञ मौके पर मौजूद अधिकारियों कर्मचारियों को आवश्यक दिशानिर्देश देते हैं। इसके अलावा मौके से भी जानकारी हासिल करते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्वयं इस सिचुएशन रूम में पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी की। इसके पहले श्री चौहान कल हादसे के वक्त विदिशा में ही थे और उन्होंने वहीं से सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश देकर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी की। श्री चौहान ने ही तड़के दो लोगों के शव निकाले जाने की सूचना ट्वीट के माध्यम से दी थी।
इस बीच जिला प्रशासन ने इस मामले की दंडाधिकारीय जांच (मजिस्ट्रियल इंक्वारी) के आदेश दिए। कुछ ग्रामीणों ने घटनास्थल पर मीडिया से चर्चा में आरोप लगाया है कि कुए के ऊपर हाल ही में जाली इत्यादि लगाने का कार्य कराया गया था। इसकी गुणवत्ता ठीक नहीं थी और यह काफी कमजोर था। इस संबंध में कथित तौर पर कुछ लोगों ने स्थानीय प्रशासन को शिकायत की थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। बताया गया है कि कुआ लगभग 30 फीट गहरा है और इसमें लगभग 20 फीट की ऊंचाई तक पानी भरा हुआ था। कुए के आसपास मिट्टी और मुरुम होने के कारण राहत एवं बचाव कार्य में कठिनाई हुयी, क्योंकि खुदायी के दौरान भी मिट्टी धसक रही थी और इसका मलबा कुए में ही जा रहा था।