मानसून के आते ही पाँव पसारने लगतीं हैं बीमारियाँ
बीमारियों के लक्षण व बचाव के बारे में जागरूकता जरूरी
लखनऊ : मानसून के आते ही मौसमी बीमारियाँ पाँव पसारने लगती हैं। ऐसे में अभी कोरोना का खतरा भी पूरी तरह से नहीं टला है, इसलिए लोग सामान्य खांसी एवं बुखार को भी कोरोना वायरस का संक्रमण समझ ले रहे हैंं। राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. के.पी. त्रिपाठी का कहना है कि लोगों को ऐसे में डरने नहीं बल्कि सजग रहने की जरूरत है। हर खांसी, जुकाम या बुखार कोरोना नहीं होता है। उन्होंने बताया कि कोरोना पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। नाक बहती है और बदन में थकान रहती है। सामान्य जुकाम में ऐसा नहीं होता है। इसमें व्यक्ति बिना दवा के अपनी प्रतिरोधक क्षमता से ही ठीक हो जाता है। डा. त्रिपाठी ने बताया– अगर खांसी, जुकाम या बुखार आता है तो स्वयं इलाज न करें। तुरन्त प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएँ। नोडल अधिकारी ने बताया कि वायरल बुखार मुख्यतः बदलते मौसम के कारण होता है। अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर हम इससे बच सकते हैं। वायरल बुखार के मुख्य लक्षण हैं- खांसी, जुकाम, गले में दर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द, उल्टी तथा दस्त। मलेरिया में सर्दी और कंपकपी के साथ में एक दिन छोड़कर बुखार आता है। तेज बुखार और सिर दर्द होता है। बुखार उतरने पर पसीना आता है। कमजोरी महसूस होने के साथ उल्टी आती है।
डॉ. त्रिपाठी ने बताया– डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर , पीठ और जोड़ों में दर्द होता है। आँखें लाल हो जाती हैं। हथेली और पैर लाल होने लगते हैं। गंभीर स्थति में नाक और मसूड़ों से खून भी आने लगता है। बरसात के मौसम में पानी के भराव के कारण मच्छर अधिक होते हैं, इसलिए घर व् आस-पास साफ़-सफाई रखें, पानी न इकठ्ठा होने दें। पूरी बांह के कपड़े पहनें। मच्छररोधी क्रीम लगायें। घर के ताजा व अच्छे से पका हुआ खाना खाएं। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल व सब्जियों का सेवन करें। बाहर के खाने से परहेज करें। इन सबके साथ इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बेवजह घर से बाहर न निकलें। अगर घर से निकलते हैं तो मास्क अवश्य लगायें। सार्वजनिक स्थानों पर दो गज की दूरी बनाकर रखें। बार-बार चेहरे को न छुएं। अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें।