बाराबंकी। स्थानीय जनपद 31 जुलाई तक चल रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 12 से 25 जुलाई तक चलने वाले दस्तक अभियान में घर-घर टीबी के संभावित मरीज खोजे जाएंगे। मरीजों को चिह्नित करने के बाद उन्हें इलाज के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पोषण के लिए मिलेगा। आशा सहित अन्य लोग जो टीबी मरीजों का पता लगाएंगे, उन्हें भी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वर्ष 2025 तक क्षय रोग उन्मूलन का संकल्प लिया गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजीव दिक्षित ने बताया कि टीबी विभाग ने इसके लिए तैयारी की है और अपने कर्मचारियों को विशेष अभियान के दौरान फील्ड में रहने को कहा गया है। टीबी मरीजों का पूरा डाटा निक्षय पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनका निशुल्क इलाज सहित अन्य सुविधाएं मिलती रहे। सांस के गंभीर रोगी (एसएआरआई) और निमोनिया के साथ खांसी के मरीज (आईएलआई) मिलते हैं तो उनकी सूची तैयार कराकर कोरोना के साथ ही टीबी की जांच कराई जाएगी। लोगों को टीबी की बीमारी की सही जानकारी देनी चाहिए, इसे छिपाने पर सही से इलाज नहीं हो पाता है। जिले की सभी टीबी यूनिट में निशुल्क जांच की सुविधा है जहां लोग पहुंच कर बलगम की जांच करा सकते है।
टीबी के लक्षण :
दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना
खांसी के साथ बलगम, बलगम में कभी-कभी खून आना।
सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना
वजन कम होना और भूख न लगना