अफगानिस्तान की मुस्कान बना भारत, राजदूत ने बयां किया किस्सा

भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण और पुनर्वास प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

-शाश्वत तिवारी

आपके कारण मेरे दोस्त, अफगान थोड़ा कम रोते हैं, थोड़ा और मुस्कुराते हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं।’ये शब्द हैं भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई के। फरीद मामुन्दजई ने 30 जून को हिंदी में दो ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने एक डॉक्टर के साथ हुई अपनी मुलाकात का जिक्र किया। उनके इस ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी रीट्वीट किया और उन्हें राजस्थान व गुजरात में स्थित हरिपुरा जाने की सलाह दी। राजदूत फरीद मामुन्दजई की मुलाकात बड़ी सामान्य सी थी, जहां वह मरीज के तौर पर एक डॉक्टर के पास जाते हैं और अपने इलाज के लिए कुछ दवाओं के बारे में बात करते हैं। उसके बाद जो घटना घटती है उसे अफगान राजदूत फरीद बड़े रोचक अंदाज में बयां करते हैं। ट्वीटर पर जब उन्होंने अपने इस किस्से को लिखा तो भारत समेत अफगानिस्तान के तमाम लोगों ने उनकी तारीफ कर डाली। कई लोगों को उनकी यह बात बहुत भावनात्मक लगी।

फरीद मामुन्दजई ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि ”कुछ दिन पहले मैं इलाज के लिए एक डॉक्टर के पास गया था। यह जानने पर कि मैं भारत में अफ़ग़ान राजदूत हूँ, डॉक्टर ने मेरे इलाज के लिए कोई भी भुगतान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जब मैंने कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि मैं अफगानिस्तान के लिए बहुत कम कर सकता हूं। अपने दूसरे ट्वीट में फरीद ने बात को आगे बढ़ाते हुए लिखा कि और यानी मैं एक भाई को चार्ज नहीं करूंगा। आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे। यह भारत है; प्यार, सम्मान, मूल्य और करुणा। आपके कारण मेरे दोस्त, अफगान थोड़ा कम रोते हैं, थोड़ा और मुस्कुराते हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनके इस ट्वीट पर खुद को किसान बताने वाले एक शख्स बालौर सिंह ढिल्लन ने ट्वीट कर लिखा, सर कभी हमारे हरिपुरा गांव भी आइए। फिर फरीद मामुन्दजई ने पूछा कि ये सूरत का हरिपुरा गांव है, तो शख्स ने बताया कि नहीं ‘ये राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले मैं है, जो पंजाब सीमा से सटा हुआ है।’ इस पर अफगान राजदूत ने कहा कि ‘राजस्थान के साथ अफगानिस्तान का लंभा इतिहास रहा है और स्थित सामान्य होते ही मैं हरिपुरा जरूर आऊंगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया रीट्वीट : दोनों की बात चल ही रही थी कि इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हो गए और उन्होंने अफगान राजदूत फरीद मामुन्दजई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि ‘आप @BalkaurDhillon के हरिपुरा भी जाइए और गुजरात के हरिपुरा भी जाइए, वो भी अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। मेरे भारत के एक डॉक्टर के साथ का अपना अनुभव आपने जो शेयर किया है, वो भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों की खुशबू की एक महक है।

क्यों खास है सूरत का हरिपुरा : सूरत का हरिपुरा आजादी के आंदोलन व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साथ विशेष संबंध रहा है। 1938 के ऐतिहासिक हरिपुरा अधिवेशन से पहले गांधी जी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सुभाष चंद्र बोस को चुना। यह कांग्रेस का 51वां अधिवेशन था। इस अधिवेशन में नेताजी ने बहुत ही प्रभावी भाषण दिया था।

दक्षिण एशिया में भारत का अहम साथ ही है अफगानिस्तान
बता दें कि अफगानिस्तान दक्षिण एशिया में भारत का अहम साथी है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध पारंपरिक रूप से मज़बूत और दोस्ताना रहे हैं। भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण और पुनर्वास प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। व्यापक विकास सहायता कार्यक्रम के माध्यम से भारत ने अफगानिस्तान में कई बड़ी और मध्यम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ-साथ कई उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं पर 2 अरब डालर से ज्यादा खर्च किया है। 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफगानिस्तान यात्रा के दौरान भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही भारत काबुल के पास शहतूत बांध का निर्माण भी करा रहा है, जो काबुल में 20 लाख नागरिकों को पीने के पानी के साथ-साथ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराएगा। यही नहीं भारत ने अफगानिस्तान के राष्ट्रीय संसद भवन का भी निर्माण कराया है। जिसका उद्घाटन 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में हुआ था।

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