· जनपद में अब तक कुल 2061 एक्टिव टीबी के मरीज
बाराबंकी। स्थानीय जनपद में क्षय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को कोरोना से बचाव के लिए कोविड का टीका अवश्य लगवाना चाहिए। क्योंकि कमजोर इम्युनटी की वजह से इनमे संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है । ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए दूसरों की अपेक्षा इन्हें प्राथमिकता के साथ टीकाकरण कराना चाहिए। जिले में अभी टीबी के कुल 2061मरीज सक्रिय है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डाक्टर एके वर्मा ने बताया कोरोना वायरस और क्षय रोग (टीबी) के संक्रमण का तरीका और लक्षण लगभग मिलते-जुलते हैं । ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए अत्यधिक सावधानी बहुत जरूरी है । यह बीमारी हवा में अत्यधिक फैलती है । एक दूसरे के मुंह से सांस टकराने व खासकर जब कोई पीड़ित व्यक्ति बोलता खांसता या छीकता है । अब तक फैले संक्रमण से टीबी और कोरोना वायरस के लक्षण और फैलने का तरीका एक जैसे ही है । उन्होंने बताया दोनों ही बीमारियां फेफड़ों पर असर करती हैं । कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र उपाय है।
उन्होने कहा टीका केवल उन्हीं टीबी रोगियों को नहीं लगवाना चाहिए जिनको तेज बुखार है या फिर कोविड के लक्षण आ रहे हैं। टीकाकरण के बाद भी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना है। टीबी रोगियों को टीके की दोनों डोज लगवानी है। कोविड टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। टीके की दोनों डोज आवश्यक है। को-वैक्सीन की दूसरी डोज चार से छह सप्ताह के अंतराल पर, जबकि कोविडशील्ड की दूसरी डोज 12 से 16 सप्ताह के अंतराल पर लगवानी है।
डीटीओ ने बताया कि कोरोनावायरस का संक्रमण कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अत्यधिक ज्यादा हावी होता है । जिले में अब तक कुल 2061 एक्टिव टीबी के मरीज हैं । टीबी मरीजों को पोषण के लिए 500 रुपये उनके खाते में प्रति माह की दर से दिये जाते हैं। इस धनराशि का उपयोग पौष्टिक भोजन में ही करना चाहिए । जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके और टीबी के बैक्टीरिया को हराकर बीमारी पर काबू किया जा सके।
जिला प्रतिक्षण अधिकारी डा राजीव सिंह का कहना है कि कोरोना का टीका कुछ परिस्थितियों में नहीं लेना चाहिए, जैसे तेज बुखार होने की स्थिति में, गंभीर रोगियों जैसे कैंसर के मरीज आदि हैं । वहीं मधुमेह, उक्त रक्तचाप सभी लोगों के लिए कोरोना का टीका पूरी तरह अनिवार्य रूप से सुरक्षित और आवश्यक भी है । उन्होंने बताया कि मधुमेह और उक्त रक्तचाप नियंत्रित स्थिति में हो नियमित दवाई भी ले रहे हो ।
पौष्टिक खानपान पर जोर:-
दूध, अंडा, पनीर, सोयाबीन, हरी साग-सब्जियों और चिकित्सक के सुझाव के अनुसार भोज्य पदार्थों का सेवन करें।
टीबी मरीज हैं तो रहे ध्यान:-
टीबी की दवा बंद न करें
मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करें
घर से बाहर बिल्कुल न निकलें
टीबी के साथ कोविड के लक्षण आ रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं
घर के परिजनों से भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही मिलें