लखनऊ। उप्र कांग्रेस में प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने आज कहा कि उच्च न्यायालय ने पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को आईना दिखाया है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस फटकार से सबक लेंगें। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में लोगों को बेड-ऑक्सीजन और दवाई उपलब्ध न करा पाने वाली सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए पूर्व आईएएस सूर्यप्रताप और मीडिया संस्थानों के पत्रकारों पर मुकदमे लगाकर आवाज दबाना चाह रही है। पूर्व आईएएस के गिरफ्तारी पर रोक मुकदमा सरकार और मुकदमा मुख्यमंत्री को सबक है। बीजेपी सरकार तानाशाही पर उतारू है, कोरोना महामारी पर हर मोर्चे पर विफल सरकार मुकदमे लगाकर सच्चाई की आवाज को दबा नही पाएगी।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की वैक्सीनेशन नीति सीधे प्राइवेट अस्पतालों और प्राइवेट संस्थानों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई।सरकारी केंद्रों पर टीका ना होने की वजह से ताले लगे है। लोग बिना वैक्सीनेशन के वापस लौट रहे है। बता दें कि रिटायर आईएस सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइट पर सरकार विरोधी पोस्ट शेयर करने के बाद हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई थी। पूर्व आईएएस के विरुद्ध लगाई गई आईपीसी 188, 505 महामारी अधिनियम की धाराओं में गिरफ्तारी पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गयी है।