अपना घर लेने का सोच रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन (Home Loan) पर ब्याज दरों को घटा दिया है। एसबीआई ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि अब बैंक की होम लोन पर ब्याज दरों की शुरुआत 6.70 फीसद से हो रही है। बैंक ने बताया कि 30 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज दरों की शुरुआत 6.70 फीसद से हो रही है।
एसबीआई ने बताया कि 30 लाख से 75 लाख रुपये तक के होम लोन पर 6.95 फीसद से ब्याज दरों की शुरुआत हो रही है। इसके अलावा 75 लाख रुपये से अधिक के लोन पर बैंक 7.05 फीसद की ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। बैंक महिलाओं को होम लोन पर अतिरिक्त छूट भी दे रहा है। बैंक ने बताया कि वह महिला कर्जदारों को 5 आधार अंक (0.05 फीसद) की विशेष छूट प्रदान कर रहा है।
बैंक योनो एप यूजर्स को भी विशेष छूट प्रदान कर रहा है। एसबीआई ने बताया कि योनो एप (YONO app) के जरिए ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के लिए हमारे होम लोन ग्राहकों से डिजिटल प्रोत्साहन के रूप में 0.05 फीसद की छूट की भी पेशकश की जा रही है।
केवाईसी के मामले में ग्राहकों को मिली बड़ी राहत
भारतीय स्टेट बैंक ने केवाईसी (KYC) के मामले में अपने ग्राहकों को बड़ी राहत प्रदान की है। बैंक ने ट्वीट कर कहा कि कई राज्यों में कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों को देखते हुए यह तय किया गया है कि अब पोस्ट या रजिस्टर्ड ई-मेल के जरिए भेजे गए डॉक्यूमेंट्स से भी केवाईसी अपडेट हो जाएगी। ग्राहकों को अब केवाईसी अपडेट करवाने के लिए बैंक ब्रांच जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही बैंक ने बताया कि 31 मई, 2021 तक अगर केवाईसी अपडेट नहीं भी होता है, तो सीआईएफ को फ्रीज नहीं किया जाएगा। अर्थात बैंकिंग सेवाएं चालू रहेंगी।
आरबीआइ के आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष मार्च में बैंकिंग कर्ज वितरण में 4.9 फीसद की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष मार्च में यह रफ्तार 6.8 फीसद की थी। इस महीने फूड क्रेडिट 24.4 फीसद से घटकर 18.3 फीसद और सर्विस सेक्टर को क्रेडिट 7.4 फीसद से घटकर 1.4 फीसद रह गई है।
पर्सनल लोन में वृद्धि दर इस महीने 15 फीसद से घटकर 14.2 फीसद रह गई है। होम लोन की रफ्तार समीक्षाधीन अवधि में 15.4 फीसद से घटकर 9.1 फीसद रह गई है। समीक्षाधीन अवधि में हालांकि कृषि व इससे जुड़े क्षेत्र को कर्ज 4.2 फीसद से बढ़कर 12.3 फीसद हो गया। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष मार्च के बाद के महीनों में कर्ज वितरण की रफ्तार बहुत ही तेजी से नीचे की तरफ आई थी।