रेफरल लेटर के आदेश को योगी सरकार ने लिया वापस, सीधे भर्ती हो सकेंगे कोविड मरीज

10 मई तक स्कूल, कोचिंग, ऑनलाइन क्लासेज स्थगित करने के निर्देश
अवध शिल्पग्राम में डीआरडीओ के कोविड अस्पताल का किया निरीक्षण

लखनऊ। कोविड मरीजों के सरकारी या निजी अस्पतालों में भर्ती करने को लेकर सीएमओ रेफरल लेटर के आदेश को योगी सरकार ने शुक्रवार को वापस ले लिया। अब प्रदेश के किसी अस्पताल में किसी भी मरीज को भर्ती होने के लिए किसी भी प्रकार के रेफरल लेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कोई भी मरीज सुविधानुसार किसी भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना निगेटिव आने के बाद फिल्ड में भी सक्रिय हो गए हैं। आज उन्होंने टीम-11 को भंग करके टीम-09 गठित करके नये सदस्यों की जिम्मेदारी तय कर दी। वहीं, अवध शिल्पग्राम में डीआरडीओ द्वारा निर्मित कोविड अस्पताल का निरीक्षण कर निर्माण कार्य व इलाज संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा की। योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध हमारी जंग पूरी ऊर्जा के साथ जारी है। हम मजबूती के साथ लड़ेंगे और कोरोना को परास्त करने में अवश्य सफल होंगे। वहीं, प्रदेश में 12वीं तक के सभी स्कूल, कोचिंग आद को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं, ऑनलाइन कक्षाएं भी स्थगित रखी जाएंगी।

टीम-11 ने किया बहुत अच्छा प्रदर्शन

उन्होंने बताया कि कोविड की अब तक लड़ाई में हमारी टीम-11 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। टीम वर्क का ही परिणाम है कि कोविड की पिछली लहर में उत्तर प्रदेश सुरक्षित रहा। बदलती परिस्थितियों के दृष्टिगत नई टीम-09 का गठन किया गया है। 09 वरिष्ठ अधिकारियों की यह टीम राज्य स्तर पर कोविड प्रबंधन से जुड़े कार्यों को देखेगी। टीम-11 की तरह ही यह टीम सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगी। योगी ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देशित करते ​हुए कहा कि बेड रिक्त होने पर कोई कोविड हॉस्पिटल (निजी और सरकारी) मरीज को इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि सभी जिलों को हर दिन रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। निजी अस्पतालों को जरूरत पर इसकी आपूर्ति कराई जा रही है।

टीम-09 के सदस्यों को सरकार ने दी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री योगी ने नवगठित टीम 09 के सदस्यों को जिम्मेदारी तय कर दी है। टीम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री की टीम द्वारा कोविड बेड्स, मानव संसाधन की उपलब्धता, प्रशिक्षण और टीकाकरण से जुड़े कार्य संपादित कराए जाएंगे। इसमें अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा भी शामिल होंगे। स्वास्थ्य मंत्री की टीम मेडिकल किट, टेस्टिंग और स्वास्थ्य सुविधाओं की बढ़ोतरी से जुड़े कार्यों के प्रति जवाबदेह होगी। इसमें राज्य मंत्री स्वास्थ्य और एसीएस हेल्थ भी होंगे। टीम 09 में तीसरे सदस्य के रूप में मुख्य सचिव होंगे। यह भारत सरकार के साथ समन्वय से जुड़े कार्यों/पत्राचार आदि का निर्वहन करेंगे। साथ ही, आइसीसीसी की मॉनिटरिंग भी इनकी जिम्मेदारी होगी। चौथे सदस्य एसीएस होम होंगे, जो प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख सचिव एफएसडीए और प्रमुख सचिव परिवहन के सहयोग से कार्य करेंगे। कंटेनमेंट जोन, लॉ एंड ऑर्डर, साप्ताहिक बन्दी, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए डीजीपी के नेतृत्व में कार्य होगा।

छठवीं टीम एसीएस ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज की होगी, जो स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन और निगरानी समितियों की मॉनिटरिंग करेगी। इसी प्रकार कृषि उत्पादन आयुक्त की जवाबदेही गन्ना, खाद्यान्न वितरण, पशुपालन और कृषि आदि संबंधित कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन की होगी। इसी तरह आठवें सदस्य के रूप में आईआईडीसी होंगे, यह प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के सुगम क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। औद्योगिक इकाइयों से इनका सीधा संवाद होगा। नौवीं सदस्य के रूप के एसीएस राजस्व को शामिल किया गया है। यह प्रवासी श्रमिकों से जुड़े प्रबंधन के प्रति जिम्मेदार होंगी। इसके अतिरिक्त, अपर मुख्य सचिव सूचना टीम-09 के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जनहित में व्यापक प्रचार-प्रयास सुनिश्चित कराएंगे।

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