OPCW सम्मेलन में चुनाव प्रक्रिया दौरान हुई मुर्मू की नियुक्ति
-शाश्वत तिवारी
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) गिरीश चंद्र मुर्मू को अंतरराष्ट्रीय “रासायनिक हथियार निषेध संगठन” (ओपीसीडब्ल्यू) के बाहरी लेखा परीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति 21 अप्रैल को आयोजित ओपीसीडब्ल्यू के सम्मेलन में एक चुनाव प्रक्रिया दौरान की गई। मुर्मू इस पद पर तीन साल के लिए रहेंगे। इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि “भारत का चुनाव अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच अपनी पहचान बनाने की मान्यता है।” अपने बयान में मंत्रालय ने यह भी कहा कि ओपीसीडब्ल्यू सम्मेलन के दौरान बाहरी लेखा परीक्षक के लिए हुए चुनाव में भारत ने भारी समर्थन प्राप्त किया। बता दें कि इससे पहले भारत को ओपीसीडब्ल्यू के एशिया क्षेत्रीय समूह में कार्यकारी परिषद के सदस्य देश के रूप में भी दो साल के लिए चुना गया था।
कौन हैं मुर्मू?
1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस जीसी मुर्मू को 08 अगस्त, 2020 को भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के रूप में नियुक्त किया गया था। मुर्मू ने राजस्थान कैडर के 1978 बैच के आईएएस राजीव मेहरिशी की जगह ली थी। मुर्मू 31 अक्टूबर, 2019 को जम्मू और कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली थी। मुर्मू की गिनती प्रधानमंत्री नरेन्द्र के भरोसेमंद सहयोगियों में होती है। नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब मुर्मू उनके प्रधान सचिव भी रह चुके हैं। यही नहीं वह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन, संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन, प्रवासन के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और विश्व खाद्य कार्यक्रम के बाहरी लेखा परीक्षक भी रहे हैं।
रासायनिक हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में काम करता है ओपीसीडब्ल्यू
द ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स (ओपीसीडब्ल्यू) 193 सदस्य देशा का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो रासायनिक हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा काम कर रहा है। नीदरलैंड की प्रशासनिक राजधानी हेग आधारित यह संगठन 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्व में आया। ओपीसीडब्ल्यू रासायनिक हथियार कन्वेंशन का कार्यान्वयन निकाय है जिसका उद्देश्य रासायनिक हथियारों को किसी भी विकास, अधिग्रहण, संग्रहण, उत्पादन या रासायनिक हथियारों के उपयोग को रोककर नष्ट करना है। भारत एशिया क्षेत्र में ओपीसीडब्ल्यू की कार्यकारी परिषद का एक सदस्य देश है। भारत ने 14 जनवरी, 1993 को इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।