बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के बीच सियासत भी अपने मिशन में लगी है। आरोप-प्रत्यारोप का बाजार गर्म है। कुछ वाजिब तो कुछ गैर वाजिब सवाल भी उठाए जा रहे हैं। इस बीच बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसके लिए हरियाणा का उदाहरण देकर कहा है कि वहां कम आबादी और कम संक्रमण के बावजूद केंद्र सरकार दो-दो कोविड अस्पताल खोल रही है, लेकिन बिहार पर इनका ध्यान नहीं है। उन्होंने बिहार से एनडीए के 48 सांसदों और केंद्र सरकार में पांच मंत्रियों पर भी सवाल उठाए हैं।
हरियाणा में डीआरडीओ खोल रहा दो कोविड अस्पताल
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की तुलना में कम आबादी वाला राज्य होने के बावजूद हरियाणा में केंद्र सरकार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के जरिए पांच सौ बेड वाले दो कोविड समर्पित अस्पताल चालू करवा रही है। उन्होंने पूछा कि क्या बिहारियों की जान इतनी सस्ती है जो राजग को 48 सांसद देने के बावजूद इस तरह के अस्पताल से बिहार को वंचित रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी साधा निशाना
तेजस्वी ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में राजग के बिहार से 48 सांसद हैं। पांच केंद्रीय मंत्री भी हैं। फिर भी बिहार के लिए डीआरडीओ से एक पांच सौ बेड का कोविड समर्पित अस्पताल सुनिश्चित नहीं करवा सके हैं। तेजस्वी ने कहा कि कोरोना संकट में भी बिहार की केंद्र द्वारा की जा रही अनदेखी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप हैं। बिहार के दो-दो भाजपाई उपमुख्यमंत्री भी नहीं बोल रहे हैं।
यूपीए की सरकार की सराहना की
तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरीराज सिंह, अश्विनी चौबे, आरके सिंह, नित्यानंद राय समेत सभी राजग सांसदों को दूसरे प्रदेशों के सांसदों से सीख लेनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने लालू के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र में जब यूपीए-1 की सरकार थी और लालू प्रसाद केंद्र में मंत्री थे तो बिहार में बाढ़-सुखाड़ जैसी किसी भी प्रकार की आपदा में केंद्र से तुरंत सहायता मिलती थी।