पीएम ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, लॉकडाउन अंतिम विकल्प हो, माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर जोर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों से आग्रह किया है कि वे श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें। उनसे आग्रह करें कि वे जहां हैं, वहीं रहें। राज्यों द्वारा दिया गया यह भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा। वे जिस शहर में हैं, वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा। प्रधानमंत्री मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में अपनी बात रख रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है- ‘त्याज्यं न धैर्यं विधुरेऽपि काले।’ कठिन से कठिन समय में भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हम सही निर्णय लें। सही दिशा में प्रयास करें, तभी विजय हासिल कर सकते हैं। इसी मंत्र को लेकर आज देश दिन-रात काम कर रहा है। आगे उन्होंने कहा कि बीते सोमवार को ही वैक्सीनेशन को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया है। एक मई के बाद से, 18 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेट किया जा सकेगा। अब भारत में जो वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा सीधे राज्यों और अस्पतालों को भी मिलेगा। इस दौरान उन्होंने सभी मेडिकल स्टाफ़ और दवा कंपनियों के कार्यों की सराहना की।
पीड़ित परिवारों के दुख में शामिल होते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने बीते दिनों में अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। परिवार के एक सदस्य के रूप में मैं आपके दुख में शामिल हूं। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ देश आज फिर एक बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। कुछ सप्ताह पहले तक स्थितियां संभली हुई थीं। फिर कोरोना की दूसरी वेब तूफान बनकर आ गई है। जो पीड़ा आपने सही है, जो पीड़ा आप सह रहे हैं, उसका मुझे पूरा एहसास है। हम सब जनभागीदारी की ताकत से इस तूफान को परास्त कर देंगे। संकट की इस घड़ी में अधिक से अधिक संख्या में देशवासी आगे आएं और जरूरतमंदों की मदद करें। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि वे एकजुट हों। कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए अनुशासन की अत्यधिक जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल रामनवमी है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का यही संदेश है कि हम मर्यादाओं का पालन करें। कोरोना के इस संकट काल में कोरोना से बचने के जो भी उपाय हैं, कृपया करके उनका पालन शत-प्रतिशत करिए। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है। मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वे लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें। लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है। माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने विशेषकर बाल मित्रों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अपने बाल मित्रों से एक बात विशेष तौर पर कहना चाहता हूं। मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग, घर से बाहर न निकलें। आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है। वहीं युवाओं से आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा युवा साथियों से अनुरोध है की वे अपनी सोसायटी में, मोहल्ले में, अपार्टमेंट्स में छोटी-छोटी कमेटियां बनाकर कोविड अनुशासन का पालन करवाने में मदद करें। हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न कंटेनमेंट जोन बनाने की जरूरत पड़ेगी, न कर्फ्यू लगाने की, न लॉकडाउन लगाने की। उल्लेखऩीय है कि देश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामलों की संख्या 20 लाख का आंकडा पार कर चुकी है। दूसरी लहर में कोविड-19 की संक्रामकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 10 दिनों में भी ऐक्टिव मामले लगभग दोगुने हो गए हैं।