टेस्ट, ट्रेसिंग व ट्रीट सिस्टम को प्रभावी बनाने में जुटी समितियां
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में निगरानी समितियां अहम रोल अदा कर रही है। प्रदेश के ग्रामीण व नगरियां क्षेत्रों में बनाई गई 73 हजार निगरानी समितियां न सिर्फ घर-घर जाकर संक्रामितों को ब्योरा जमा कर रही है बल्कि प्रभावी रोकथाम के साथ लोगों को टीकाकरण के लिए जागरुक कर रही है। इसके अलावा पब्लिक एड्रेस सिस्टम के सहयोग से भी लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण पर लगाम कसने के लिए टेस्ट, ट्रेस व ट्रीट सिस्टम की शुरूआत की है। इस मूल मंत्र का मकसद पहले संक्रामित की पहचान, फिर उसका टेस्ट कराकर उसे उचित इलाज दिलाना है। प्रदेश की निगरानी समितियां इस मूल मंत्र को साकार करने में जुटी हुई है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में 59 हजार व शहरी इलाकों में 14 हजार निगरानी समितियां काम कर रही है। जो डोर टू डोर जाकर सर्वे के आधार पर संक्रामित लोगों की पहचान कर रही है। इसकी जानकारी नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग को मुहैया करा रही है ताकि समय रहते संक्रमण को एक जगह पर ही रोका जा सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा गोरखपुर, मेरठ, वाराणसी में टीकाकरण अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं। इन शहरों की निगरानी समितियां संक्रामितों की पहचान के साथ उनको टीका लगवाने के लिए भी प्रेरित कर रही है। यह समितियां लोगों को कोविड के टीके से होने वाले फायदे व उसे लेकर जो लोगों के मन में भ्रंतियां हैं। उसको दूर करने का काम भी कर रही है। लखनऊ नगर निगम की ओर से 110 वार्डों में संक्रामित लोगों की पहचान के लिए बनाई गई निगरानी समिति रोजाना लोगों के घर जाकर उनका हालचाल पूछ स्वस्थ्य का ब्योरा जमा कर रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि वार्ड समितियां बाहर राज्यों से आए लोगों का पता लगाकर उनका हालचाल भी पूछ रही है। इसके अलावा इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण सर्दी, खासी, बुखार होने की स्थिति में वार्ड निगरानी समिति स्वस्थ विभाग को सूचित करने का काम भी कर रहा है। मंगलवार को वार्ड निगरानी समितियों द्वारा कुल 50 व्यक्तियों का निरीक्षण किया गया जिसमें 45 लोग स्वस्थ्य पाये गये एवं मात्र 5 व्यक्तियों में हल्के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार पाया गया।