देश में कोरोना के मामलों के तेजी से बढ़ने के अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति के देखते हुए वे वहां जाने से बचें। दोनों टीके लेने वाले नागरिकों के भी भारत में संक्रमित होने का खतरा है। अमेरिका के सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार अगर भारत जाना बहुत जरूरी हो तो दोनों टीके लगवाकर ही जाएं।। गौरतलब है कि भारत में पिछले कुछ दिनों से दो लाख से अधिक केस रोजाना आ रहे हैं।
ब्रिटेन ने भारतीय यात्रियों पर लगाई रोक
ज्ञात हो कि भारत में कोरोना महामारी के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से विश्व बिरादरी भी चिंता में है। कई देशों ने भारत से आने-जाने वालों के लिए अपनी सीमाएं बंद करनी शुरू कर दी है। सबसे पहले ब्रिटेन ने भारत से आने वाले सभी गैर ब्रिटिश नागिरकों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। रूस ने भी भारत में वीजा देने की प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए स्थगित करने का फैसला किया है।
वहीं, अमेरिका ने वीजा के साक्षात्कार पर रोक लगा दी है। हांगकांग, पाकिस्तान जैसे कई छोटे देशों ने भी भारत से आने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन देशों के ये कदम नागरिक उड्डयन कंपनियों के लिए भी महंगा साबित हो सकता है। ब्रिटेन के स्वास्थय मंत्रालय ने सोमवार को उन देशों की एक रेड लिस्ट जारी की है जहां अगर कोई भी व्यक्ति पिछले 10 दिनों के भीतर गया है या रहा है तो उसे ब्रिटेन नहीं आने दिया जाएगा। इस नियम में सिर्फ ब्रिटिश नागिरकों को छूट है लेकिन उन्हें भी ब्रिटेन पहुंचने पर 10 दिनों तक पूर्व निर्धारित होटल में क्वारंटाइन होना पड़ेगा। भारतीय यात्रियों के लिए यह नियम 23 अप्रैल प्रभावी होगा। ब्रिटिश सरकार ने यह फैसला पीएम बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा रद्द होने के कुछ ही घंटे के बाद किया है।
ब्रिटेन ने यह फैसला पिछले कुछ दिनों में कोविड प्रभावित मामलों और इनके भारत से लिंक होने की वजह से लिया है। इसके पहले न्यूजीलैंड ने भी 28 अप्रैल तक किसी भी भारतीयों के आने पर रोक लगा दी है। एक दिन पहले हांगकांग ने भी ऐसा ही फैसला किया था।
उधर, नई दिल्ली स्थित रूस के दूतावास की तरफ से बताया गया है कि भारत में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए 19 अप्रैल, 2021 से वीजा देने की प्रक्रिया पर अगली सूचना तक रोक लगा दी गई है। अमेरिका ने 20 से 25 अप्रैल तक के लिए वीजा देने के लिए आयोजित होने वाले सभी साक्षात्कारों पर रोक लगाने का एलान किया है। अमेरिकी दूतावास की तरफ से बताया गया है कि यह फैसला दिल्ली में कर्फ्यू को देखते हुए उठाया गया है।