लखनऊ : आज भारतवर्ष विश्व में कोरोना सक्रमण के रिकार्ड में दूसरे स्थान पर पहुंच चुका है। ऐसे में सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम कम से कम घरो से बाहर निकले और दो गज की दूरी तथा मास्क भी तीन सतह से कम का न लगाये। डॉ. भरत राज सिंह, वरिष्ठ पर्यावरणविद व महानिदेशक (तकनीकी), स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ, ने पूर्व में ही पर्यावरण प्रदूषण की हो रही मानवीय गतिविधियो के कारण 2015 में ही अपनी पुस्तक ग्लोबल-वार्मिंग– कारण, असर व उपाय अध्याय-2 में यह अंकित किया था कि ग्लेशियर आर्कटिक सागर के पिघलने और समुद्र तल के उठाव के निरंतर जारी होने के प्रभावों का अध्ययन में यह पाया गया कि इस प्रक्रिया से अमेरिका (यूएसए) और फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली व डेन्मार्क (यूके) आदि के लिए यह नए डेंगू व अन्य घातक वाइरस बना रहे हैं और 2030 तक इसकी बहुत घातक स्थिति होगी।
सम्पूर्ण विश्व को समय की गम्भीरता को देखते हुये व मानवता को बचाने हेतु कार्बन-उत्सर्जन के श्रोतो को तत्काल बंद अथवा कम करना होगा। पिछले लाक-डाउन आकडो से यह भी साबित हो गया है कि 2-3 माह के लाक-डाउन के प्रयोग से ग्रीन हाउस उत्सर्जन में 17-18% कमी आ गयी थी जिससे प्रत्यक्ष रूप में ऋतुओ के पुनः पूर्वत स्थापित होने से ही इस वर्ष मार्च से गर्मी आ गई और बारिस के भी अच्छी होने के आसार से नकारा नही जा सकता है। आज हमे कोरोना महामारी के द्वितीय वेग से अपने को सुरक्षित रखना नितांत आवश्यक है तथा भविष्य में भी अपने रहन-सहन में परिवर्तन कर, विश्व स्तर पर गाडियो व फैक्टरी के संचालन को रात में सम्पूर्ण बंद करना नितांत आवश्यक होगा।
डॉ. सिंह जो 75 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं, ने 4 मार्च 2021 को कोवैक्सीन की प्रथम डोज़ व 16 अप्रैल 2021 को दूसरी डोज़ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ में सपत्नीक लगवाया। डॉ. सिंह पूर्णतः स्वस्थ मसूस कर रहें हैं और सभी वरिष्ठ नागरिको को सलाह दें रहें कि वह अपने नजदीक के किसी भी कोविद केंद्र पर पहुँच कर अवश्य ही को-वैक्सीन अथवा कोविसील्ड लगवाएं और अपने को सुरक्षित महसूस करें। उनका यह भी कहना है कि कोरोना की गाइड लाइन जैसे- मास्क लगाना व लोगो से 6 फ़ीट की दूरी बनाये रखना अवश्य ही अपनाते रहें, जहा तक हो सके घर से बाहर न निकलें।