चैत्र नवरात्रि का आरम्भ हो चुका है। ऐसे में कल यानी 14 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। कहा जाता है दूसरे दिन माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप की पूजा आराधना करने से बड़े लाभ मिलते है। आपको हम यह भी बता दें कि देवी का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां ब्रह्मचारिणी की आरती जिसे करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं। इस आरती को माँ का पूजन करने के बाद अवश्य करें।
मां ब्रह्मचारिणी की आरती –
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो।।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
जय गायत्री वेद की माता। जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।।
कमी कोई रहने न पाए। कोई भी दुख सहने न पाए।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
उसकी विरति रहे ठिकाने। जो तेरी महिमा को जाने।।
रुद्राक्ष की माला ले कर। जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
आलस छोड़ करे गुणगाना। मां तुम उसको सुख पहुंचाना।।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम। पूर्ण करो सब मेरे काम।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी। रखना लाज मेरी महतारी।।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।।