लखनऊ। कोरोना के खौफ से राजधानी लखनऊ से वाराणसी, दिल्ली और उत्तराखंड सहित अन्य स्थानों को जाने वाली रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। यात्रियों की संख्या में लगातार कमी के चलते परिवहन निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। परिवहन निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से लखनऊ से वाराणसी, दिल्ली और उत्तराखंड सहित अन्य स्थानों को जाने वाली रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या लगातार तेजी से घट रही है। रोडवेज बसों से लखनऊ क्षेत्र से प्रतिदिन करीब सवा लाख लोग सफर करते थे। लखनऊ में कोरोना के खौफ की वजह से यात्रियों की संख्या सिमटकर एक लाख 10 हजार के करीब रह गई है।
उन्होंने बताया कि ताजा स्थिति यह है कि लखनऊ के आलमबाग बस अड्डे से दिल्ली, जयपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, देहरादून की एसी बसों में सीटों की बुकिंग ही नहीं हो रही है। दो- चार सीटों की बुकिंग होने से प्रतिदिन यात्रियों के अभाव में बसें रद्द की जा रही हैं। पहले की तरह गर्मी के दिनों में एसी बसों में अब सीटों की मारामारी नहीं है। बल्कि कई रूटों की एसी बसों में सीटें खाली हैं। परिवहन निगम के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहीं करीब 50 स्कैनिया बसों को हटाने की कवायद शुरू हो गई है। परिवहन निगम प्रशासन ने निजी वाहन स्वामियों को तीन माह की नोटिस देकर घाटे में सुधार न होने की दशा में बसों का अनुबंध रद्द करने की चेतावनी दी है। इससे अनुबंधित मोटर ऑपरेटरों में खलबली मची हुई है। अकेले राजधानी से ही विभिन्न मार्गों पर तकरीबन 31 स्कैनिया बसें चलती हैं। शेष बसें गाजियाबाद और आगरा क्षेत्र संचालित करता है। यदि चेतावनी नोटिस के बाद बसों का घाटा कम न हुआ तो इनका संचालन तीन माह में बंद कर दिया जाएगा।
यात्रियों की कमी से कई मार्गों की सामान्य बस सेवाओं में होगी कटौती
राजधानी लखनऊ सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए यात्री कोरोना के खौफ से रोडवेज बसों से कम सफर कर रहे हैं। रोडवेज बसों में यात्रियों की घटती संख्या से परिवहन निगम को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है। परिवहन निगम प्रशासन करीब दर्जनभर मार्गों पर यात्री न मिलने की वजह से सामान्य बस सेवाओं में कटौती करने जा रहा है। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बाेस ने बताया कि लखनऊ क्षेत्र का बेड़ा करीब 1,083 बसों का है। इसमें से 558 बसें रोडवेज की और 525 बसें अनुबंधित हैं। इनमें से करीब 31 लग्जरी स्कैनिया बसों का संचालन लखनऊ क्षेत्र के विभिन्न बस अड्डों से किया जाता है। मुख्यालय के दिशा-निर्देशों के तहत इनके ऑपरेटरों को नोटिस दिया जा रहा है। सुधार न होने की दशा में तीन माह में इन लग्जरी सेवाओं के चक्के थम सकते हैं।