छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी से बेकाबू होती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार फुल एक्शन में आ गई है। प्रदेश के 28 से 18 जिलों में पूर्ण लॉकडाउन कर दिया गया है। इनमें पांच जिलों में लाकडाउन शुरू हो चुका है, जबकि कोरबा में आज से और जांजगीर-चांपा, सूरजपुर, सरगुजा और गरियाबंद में कल से लाकडाउन लागू हो जाएगा। वहीं, बिलासपुर, बलरामपुर, रायगढ़ व महासमुंद बुधवार से लॉकडाउन होगा।
छत्तीसगढ़ आने वालों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है। आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट राज्य में आने के 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। वहीं, महाराष्ट्र से लगी सीमा को सील करके वहां से आने वाले हर व्यक्ति की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में स्थिति सभी आक्सीजन संयंत्रों को उत्पादन का 80 फीसद अस्पतालों को देने के आदेश दिए गए हैं।
उधर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कलेक्टर ने 14 अप्रैल से 21 अप्रैल तक पूरे जिले को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। इस दौरान कई तरह के प्रतिबंध लागू रहेंगे। हालांकि, आपातकालीन सेवाओं को इससे छूट दी गई है। दूध और अखबार बेचने वाले सुबह 6 से 10 बजे और शाम 5 से शाम 6: 30 बजे के बीच काम कर सकेंगे।
इस बीच सरकार ने संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था को लेकर रविवार को कई बड़े फैसले किए हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रेल या हवाई मार्ग से दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए RTPCR की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। चिकित्सा प्रतिनिधियों के साथ एक वीडियो सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे बिना किसी निगेटिव रिपोर्ट के आने वाले यात्रियों की जांच करें और उन्हें मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार क्वारंटाइन, कोविड देखभाल केंद्र या अस्पताल में रखने की व्यवस्था करें।