चीन ने उइगर मुस्लिमों को ‘देशभक्त’ और ‘वफादार’ बनाने के लिए सरकार ने विशेष ट्रांसफॉर्मेशन कैंप खोले हैं. ये कैंप उइगर मुसलमानों को चीन की सरकार और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार बनाने के लिए खोले गए हैं. इसमें अल्पसंख्यक मुसलमानों को जबरदस्ती पकड़कर लाया जा रहा है और कम से कम दो महीने तक रखा जा रहा है. सरकार का कहना है कि यहां चीनी भाषा सीखने, कानून की पढ़ाई और रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं को कहना है कि सरकार उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए उन पर जबरन अत्याचार कर रही है.
ये भी गौरतलब है कि पाकिस्तान अपनी सीमा के एकदम नजदीक ही मुसलमानों पर हो रहे इस अत्याचार पर एकदम खामोश है, जबकि भारत में मुसलमानों पर कथित आत्याचार को लेकर वो झूठा प्रचार हमेशा करता रहता है. अन्य मुस्लिम देश भी इस मुद्दे पर एकदम खामोश हैं, जबकि पश्चिमी मानवाधिकार संगठन अब इस अत्याचार पर आवाज उठाने लगे हैं. रविवार को अमेरिका के प्रमुख समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने इस मुद्दे पर फ्रंट पेज पर फोटो के साथ खबर प्रकाशित की.