दिल्ली कैपिटल्स के अनुभवी लेग स्पिनर अमित मिश्रा आइपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं, जबकि स्पिनरों में शीर्ष पर हैं। वह उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जो पहले सत्र से ही आइपीएल का हिस्सा रहे हैं। 38 साल के मिश्रा इस बार 23 साल के रिषभ पंत की कप्तानी में खेलेंगे। मिश्रा का मानना है कि पंत में पिछले कुछ महीनों में काफी बदलाव आए हैं और वह अब धैर्य रखना सीख गए हैं। पंत व आइपीएल के तमाम मुद्दों पर अभिषेक त्रिपाठी ने अमित मिश्रा से खास बताचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश :-
-इस समय कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं, लेकिन बीसीसीआइ आइपीएल कराने को लेकर उत्सुक है। आप लोगों को बायो-बबल में रहना पड़ रहा है। बतौर खिलाड़ी आप क्या देखते हैं, यह समय कितना कठिन है?
–इसमें आपको बहुत अच्छा सकारात्मक संकेत देखना पड़ेगा कि महामारी बावजूद क्रिकेट हो रहा है। ऐसे समय पर यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन आने वाले समय में आप देखेंगे तो यह जीवन की आम हिस्सा बन जाएगा। पिछली बार हम दुबई में खेले, वही सारे नियमों का यहां भी पालन हो रहा है। हो सकता है कि कुछ लोगों ने उन नियमों का पालन नहीं किया हो तो उन्हें परेशानी हो सकती है।
-पिछली बार आपका आइपीएल अच्छा चल रहा था और फिर चोट लगी और आपको बाहर होना पड़ा। उसके बाद से कैसे खुद को रिकवर किया और अब क्या लक्ष्य है?
–इसमें कोई शक नहीं कि यह काफी निराशाजनक था, क्योंकि मैं बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा था, मैंने बहुत मेहनत भी की थी। फिर चोटिल हो गया। चोट लगना आपके हाथ में नहीं होता है। आप अपनी तरफ कोशिश करते हो, लेकिन चोटिल हो गए तो इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। एक चीज मुझे बहुत अच्छी लगी कि हम लोग फाइनल खेले। हालांकि, उसकी मुझे कमी खल रही थी, क्योंकि फाइनल खेलने के लिए 13 साल बहुत मेहनत की थी और मैं फाइनल में नहीं था, लेकिन बहुत अच्छा सकारात्मक संकेत भी देखा, खिलाड़ी, टीम प्रबंधन सभी ने मुझे मैसेज करके बोला कि हमें तुम्हारी कमी खल रही है। उसके बाद बहुत मुश्किल समय भी देखा। बेहद दर्द से गुजरा, लेकिन हमेशा बहुत सकारात्मक रहा। इसका नतीजा यह निकला कि फिर से आइपीएल हो रहा है और मैं एक बार फिर आइपीएल खेलने के लिए तैयार हूं। उम्मीद है कि इस बार यह और भी अच्छा साबित होगा। मैं इंतजार कर रहा हूं कि जल्दी से यह शुरू हो और मैं प्रदर्शन करने के लिए मैदान पर उतरूं।
-दिल्ली कैपिटल्स अब बहुत मजबूत टीम मानी जाने लगी है, लेकिन श्रेयस अय्यर का चोटिल होना और अक्षर पटेल का कोरोना पॉजिटिव होना टीम के लिए कितना बड़ा झटका है?
–इसमें कोई शक नहीं कि श्रेयस अय्यर की हमें कमी खलेगी, क्योंकि उनकी कप्तानी में हम लोग पिछले साल फाइनल भी खेले। लेकिन, मैं इसके लिए बस दुख ही जाहिर कर सकता हूं, क्योंकि मैं भी चोटिल हुआ था तो मैं जानता हूं कि चोटिल होने पर किसी खिलाड़ी की क्या भावनाएं होती हैं। उनके लिए हमारी पूरी टीम और प्रबंधन की ओर से शुभकामनाएं हैं कि वह जल्दी से फिट होकर वापस टीम में आएं। हालांकि, इससे युवा कप्तान के रूप में रिषभ पंत को मौका मिला है। उनके पास अपने को और बेहतर बल्लेबाज और कप्तान साबित करने का मौका है।
-जब रिषभ की आलोचना हो रही थी उसके बाद से आपने उनमें क्या बदलाव देखा है?
–रिषभ के अंदर मैंने जो पिछले चार-पांच महीनों में बदलाव देखा है, उनके अंदर परिपक्वता आई है। पिछली बार हम बात भी कर रहे थे वह कैसे परिपक्वता ला सकते हैं, कैसे वह अपनी बल्लेबाजी में सुधार कर सकते हैं, लेकिन अब वो चीजें उनके अंदर आई हैं। इससे यह पता चलता है कि वह अच्छे के लिए अपने को बदलना चाहते हैं। अब वह काफी धैर्य रखना सीख गए हैं। पहले जब हम बात करते थे तो वह थोड़े में ही बेचैन हो जाते थे। लेकिन अब उन्होंने धैर्य रखना सीख लिया है और यह उनकी बल्लेबाजी में भी दिख रहा है, उनके स्वभाव में भी दिख रहा है। आपने देखा होगा कि पिछली बार जब वह भारत के लिए खेल रहे थे तो कितने अच्छे से बल्लेबाजी कर रहे थे। उन्होंने फिटनेस पर भी काम किया है। वह काफी अनुशासित भी हुए हैं। जिस तरह से वह भारतीय टीम के लिए मैच विजेता बनकर आए हैं, मैं चाहूंगा कि वैसे ही वह हमारे लिए मैच विजेता बनकर आएं। वह अपनी कप्तानी के अंदर हमें इस बार आइपीएल जिताएं और उन्हें हम सब का सहयोग मिलेगा।
-युवा कप्तान की अगुआई में खेलने का क्या फायदा होता है और उसमें सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी कितनी बढ़ जाती है?
–जूनियर खिलाड़ी जब कप्तान बनते हैं तो सीनियर खिलाड़ी के लिए सबसे अच्छी बात यह होती है कि वह आपसे आपकी गेंदबाजी के बारे में पूछते हैं कि आप गेंदबाजी में क्या करना चाहते हैं या आपको लगता है कि कुछ सही नहीं हो रहा है या कुछ बदलाव करना चाहते हैं तो आप सीधे जाकर उनसे बोल सकते हैं और वे उस बात को सुनते हैं, उस पर अमल करना या ना करना परिस्थिति पर निर्भर करता है।
-इस बार कोई टीम अपने घरेलू मैदान पर कोई मैच नहीं खेल पाएगी?
–घरेलू मैदान पर नहीं खेलना फायदेमंद भी है और नुकसानदायक भी, लेकिन यह सभी टीमों के साथ होगा, ना कि सिर्फ हमारी टीम के साथ। घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा नहीं मिलेगा, तो आपको थोड़ा अलग तरह से सोचना होगा। आपको थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी।
–स्पिनरों के लिए ये टूर्नामेंट कितना खतरनाक है, क्योंकि बल्लेबाज गेंद को मारने के इरादे से ही आता है?
–हर बार आपको अपनी गेंदबाजी में कुछ बदलाव करने पड़ते हैं। मैं हमेशा इसे लेकर उत्सुक रहता हूं कि कब क्या बदलाव करने हैं। बस जरूरी यह है कि आप कितनी जल्दी इन बदलावों को स्वीकार करते हो।
–आपकी टीम में सीनियर और जूनियर का अच्छा संयोजन हैं। इस संयोजन को कैसे देखते हैं और आपकी टीम के लिए कैसा मौका है?
-हमारी टीम के लिए पूरे मौके हैं और सबसे अच्छी बात तो यह है कि हमारी टीम के पास एक अच्छा संयोजन है। युवा खिलाड़ी बहुत अच्छे हैं। सारे सीनियर खिलाड़ी अपने जूनियरों को सिखाना चाहते हैं। बहुत जल्दी हम लोग आपस में घुल मिल गए हैं और अच्छा ग्रुप बन गया है।