कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने नियमित अंतराल पर कर्मचारियों के तबादलों पर रोक की अवधि आगे बढ़ा दी है। अगले तीन माह तक सभी कर्मचारी अपने पद पर बने रहेंगे। उसके बाद स्थिति की समीक्षा करने के बाद कोई फैसला किया जाएगा। कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
पिछले वर्ष मई में रेलवे बोर्ड ने कर्मचारियों के तबादले पर रोक लगाने का फैसला किया था। इसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही थी, लेकिन कोरोना संकट अभी भी बरकरार है। इस स्थिति को देखते हुए आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) और नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआइआर) ने रेलवे बोर्ड से तबादलों पर रोक की अवधि बढ़ाने की मांग की थी। उनका कहना था कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। कई राज्यों में पहले की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस स्थिति में कर्मचारियों का तबादला करना उचित नहीं है। उनकी मांग और स्थिति की समीक्षा करने के बाद रेलवे बोर्ड ने यह फैसला किया है। कर्मचारियों संगठनों का कहना है कि रेल प्रशासन का यह सही कदम है। स्थिति सुधरने तक इसे लागू रखने की जरूरत है।
हर वर्ष होता है तबादला
रेलवे के वाणिज्य विभाग में टिकट घर, कंप्यूटरीकृत आरक्षण, पार्सल आदि कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों को एक सीट पर चार वर्षों से अधिक नहीं रखा जाता है। इसी तरह यांत्रिक, बिजली, लेखा व अन्य विभागों में संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मचारियों को भी चार साल के बाद तबादले का नियम है। कार्मिक विभाग प्रत्येक वर्ष संवेदनशील पदों पर तैनात कर्मचारियों के तबादले की सूची जारी करता है।