एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय 2100 करोड़ का बैंक गारंटीड कर्ज देगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव आरएन चौबे ने खुद इसकी पुष्टि की है।
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को घाटे से उबारने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की थी। इस चर्चा में 11000 हजार करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज की मांग की गई थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था।
गौरतलब है कि 2007 में इंडियन एयरलाइंस का विलय होने के बाद से एयर इंडिया लगातार घाटे में चल रही है। वहीं ऑडिट आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2016- 17 में एयर इंडिया पर कुल मिलाकर 47,145.62 करोड़ रुपये का घाटा था। हालांकि सरकार की ओर से मई में इसके रणनीतिक विनिवेश की कोशिश की गई थी, जो असफल रही।
बीते समय में पायलटों और दूसरे कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिलने को लेकर एयर इंडिया सुर्खियों में रही थी। जिसके बाद पायलटों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनके भत्तों का भुगतान नहीं किया गया तो वो उड़ान का परिचालन रोक देंगे। इसके बाद सरकार ने अगस्त महीने के आखिर में पायलटों के बकाए का भुगतान किया था।
एयर इंडिया को लेकर कुछ दिनों पहले ही उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था कि एयर इंडिया के साथ यह समस्या विरासत में मिली है। कोई भी इसके कर्ज से नहीं निपट सकता।