संक्रमण रोकने को एसी बोगियों में लगेंगे हेपा फिल्टर, ट्रेनों की एसी कोचों का बढ़ेगा तापमान

लखनऊ :  रेलवे प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ट्रेनों की वातानुकूलित (एसी) बोगियों का तापमान बढ़ाकर अब 28 डिग्री तक करेगा। इसके साथ ही एसी कोचों में हेपा फिल्टर लगाकर बारीक कणों को जाने से रोका जाएगा। रेलवे प्रशासन कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए एसी बोगियों का तापमान बढ़ाकर अब 28 डिग्री तक करेगा।फिलहाल अभी एसी बोगियों में 24 से 25 डिग्री तापमान रखा जाता है। ट्रेनों की एसी कोचों में अब हेपा फिल्टर भी लगाए जाएंगे। ताकि बारीक कणों और जीवाणुओं को एसी बोगियों में जाने से रोका जा सकें। रेलवे के कई जोनों ने कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए एसी बंद करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा था। रेलवे बोर्ड ने गर्मी में एसी बंद करने से यात्रियों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए कूलिंग कम करने के निर्देश दिये हैं। इससे एसी बोगियों में तापमान अब 28 डिग्री तक किया जा सकेगा। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) संजय त्रिपाठी ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए ट्रेनों की एसी बोगियों में तापमान दो से तीन डिग्री तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रेनों की एसी बोगियों में अब हेपा फिल्टर लगाए जाएंगे।

ताकि बारीक कणों और जीवाणुओं को एसी बोगियों में जाने से रोका जा सकें। यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने कहा कि एसी बोगियों का तापमान 28 डिग्री कर दिया जाएगा तो यात्रियों के पसीने छूटने लगेंगे। इसलिए गर्मी के मौसम में यात्रियों की दिक्कतों को देखते एसी बोगियों का तापमान नहीं बढ़ाना चाहिए। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजधानी लखनऊ के ऐशबाग कोचिंग डिपो में आने वाली हर ट्रेन को अब सैनिटाइज किया जाएगा। जिन ट्रेनों में सिर्फ सैलून साइड में सफाई होती है, उनमें भी अब केमिकल का छिड़काव किया जाएगा। हेपा एक तरह मेकैनिकल एयर फिल्टर होता है। यह दूषित तत्वों को अपनी ओर खींचता है। हेपा फिल्टर धूल के बारीक कणों के साथ के बैड बैक्टीरिया और वायरस को भी कैद करता है। हेपा फिल्टर वायु को साफ करने की एक छन्नी की तरह है। इससे बहुत छोटे कण (0.3 माइक्रॉन) भी छानकर निकाले जा सकते हैं।

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