विष्णुपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि उनकी पार्टी केवल उन लोगों को बाहरी कहती है, जिन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान यहां परेशानी खड़ी करने के लिए भेजा गया है, उन्हें नहीं जो बरसों से राज्य में बसे हैं। तृणमूल कांग्रेस के कई नेता चुनाव प्रचार के लिए राज्य में आने वाले भाजपा नेताओं को बाहरी होने का तमगा देते रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि बरसों से बंगाल में बसे दूसरे राज्यों के लोग बाहरी नहीं हैं बल्कि वह उनके ‘अपने लोग’ हैं। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, हम उन लोगों के बारे में ऐसा क्यों कहेंगे, जो बरसों से यहां बसे हैं? वे हमारे राज्य का एक अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, हम केवल उन पान-मसाला खाने वाले, तिलक लगाने वाले लोगों को बाहरी कहते हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से, चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में समस्या उत्पन्न करने के लिए भेजा गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मैं प्रधानमंत्री के पद का बहुत सम्मान करती हूं लेकिन मुझे माफ करें, मोदी बहुत बड़े झूठे हैं। उन्होंने कहा, मोदी के, सभी लोगों के बैंक खातों में 15 लाख रुपये आने के, वादे का क्या हुआ? एलपीजी सिलेंडर अब 900 रुपये का क्यों है.. उज्जवला योजना का क्या भविष्य है? बनर्जी ने कहा, किसान महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चुप क्यों हैं? किसान जहां प्रदर्शन कर रह हैं वहां लोहे की कीलें क्यों लगाई गई ? क्या मोदी को औद्योगिक घरानों की चिंता है किसानों की नहीं? केन्द्र की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ योजना को असफल करार देते हुए बनर्जी ने कहा, मैंने जो वादे किए वे पूरे किए, लेकिन मोदी अपने वादे पूरे करने में नाकाम रहे हैं।” उन्होंने यहां अपने दावों को सही ठहराने के लिए कन्याश्री, सबुज साथी और स्वास्थ्य साथी जैसी योजनाओं को लागू किए जाने का हवाला दिया। वहीं, पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने पर राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग का गठन करने के भाजपा के वादे पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, पहले यह बताएं कि पीएसयू क्यों और किसके इशारों पर बंद हो रहे हैं? आप लाखों लोगों को बेरोजगार कर रहे हैं। लोगों को आप पर भरोसा नहीं है।