कानपुर के दौरे पर आई राज्यपाल ने ‘अपनी रोटी’ अभियान का किया शुभारंभ
कानपुर : कानपुर में दौरे के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ‘अपनी रोटी’ अभियान का शुभारंभ किया। जाजमऊ स्थित टेनरी में अभियान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि, दान से बढ़कर कुछ नहीं है और गरीबों की इससे सेवा करने का संकल्प ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा कि, उनकी दृष्टि से बहुत ही अच्छा नाम दिया गया है। खाने वाले को लगेगा कि यह मेरी ही रोटी है और मैं ही खा रहा हूं। अपनी रोटी शब्द से कोई दे रहा है और कोई खा रहा है यह भाव प्रर्दशित नहीं हो रहा है। कहा कि रोटी सबकी जरूरत है और सभी लोगों को पेट भर भोजन उपलब्ध हो सके, इसकी शुरुआत ‘अपनी रोटी अभियान’ से किया जाना एक सराहनीय कदम है। कहा कि, कानपुर प्रदेश की औद्योगिक नगरी है। इसलिए यहां कल-कारखानों में दूर-दराज से लोग काम करने आते हैं।
इन लोगों की सबसे बड़ी समस्या महानगरी में महंगे भोजन और इलाके से दूर जाने की होती है, लेकिन गरीबों की इस समस्या को भी यहां के शहरियों ने दूर करने बेड़ा उठाया है। इसको देखते हुए ही अब यहां पर पांच रुपये में भरपेट भोजन मिल जाएगा और गरीबों को बड़ी राहत भी मिलेगी। राज्यपाल ने कहा कि, हमारे पूर्वजों ने हमें सिखाया है कि हम अपनी कमाई से दान करें और वे करते हैं। तमाम लोग समाज के लिए करना तो बहुत चाहते हैं लेकिन समय के अभाव में नहीं कर पाते हैं। इन परिस्थितियों वे आपसी सहयोग से ऐसे कार्य करते हैं। जिस तरह अपनी रोटी का कार्य शुरू हुआ है, ऐसे पुण्य कार्य सभी को करने चाहिए। इसके लिए लोगों को आगे आकर दान देना चाहिए, ताकि गरीबों को पांच रुपये में भरपेट भोजन मिल सके।
इस दौरान राज्यपाल ने रोटी अभियान के तहत भोजन के पैकेट वितरित कराए और कोरोना रोकथाम व बचाव के लिए लोगों को प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान हमीदुर्र रहमान, असर इराकी, जावेद इकबाल, एहतेशाम, जिलाधिकारी आलोक तिवारी, एडीएम सिटी अतुल श्रीवास्तव, डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह आदि उपस्थित रहें। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोरोना रोकथाम को लेकर लिए गए निर्णयों व उनके क्रियांव्यन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इतने बड़े राज्य में जिस तरह कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कार्य किये गए और अभी भी उसके लिए उठाए जा रहे हैं वह काबिल-ए-तारीफ है। कहा, हमेशा मास्क लगाकर रहने में ही भलाई है।