टिड्डी दल की जड़ पर हमला करने के लिए भारत ने ईरान को भेजा 20,000 लीटर मैलाथियॉन कीटनाशक
नई दिल्ली : भारतीय किसानों की फसलों को तबाह होने से बचाने के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी योजना के दूसरे चरण पर काम करना शुरू कर दिया है। गर्मी बढ़ने के साथ ही टिड्डी दल के तेज होने वाले हमले को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार उसकी जड़ पर अटैक करने जा रही है। इसके तहत भारत ने कीटनाशक का दूसरा बैच ईरान भेज दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि सरकार-से-सरकार पहल के तहत ईरान को टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 20,000 लीटर मैलाथियॉन (95 प्रतिशत यूएलवी) चाबहार पोर्ट भेजा गया है। जिसे 18 मार्च को ईरानी सरकार के प्लांट प्रोटेक्शन ऑर्गनाइजेशन को सौंप दिया गया है। गौरतलब है कि गर्मी के महीने में भारत के सीमावर्ती राज्यों गुजरात, राजस्थान व पंजाब में टिड्डी दल हमला करते हैं। तापमान बढ़ने के साथ उनका हमला और आगे बढ़ जाता है। टिड्डियों का दल सेंट्रल इंडिया के रास्ते उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के जिलों में पहुंच जाता है। पिछले साल कोरोना काल में भी इनका हमला देखने को मिला था।
जून 2020 में भारत ने की थी पहले खेप की आपूर्ति
टिड्डियों के उन्मूलन के लिए भारत ने पाकिस्तान और ईरान के साथ मिलकर साझा अभियान चलाने की बात कही थी। दरअसल, ईरान की ओर से आने वाला टिड्डियों का झुंड पाकिस्तान होते हुए भारतीय सीमाओं पर हमला करता है। इससे तीनों देशों की खेती व बागवानी को भारी नुकसान होता है। भारत के प्रस्ताव पर ईरान ने साथ मिलकर कार्य करने पर सहमति जताई थी, जबकि पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था। जिसके बाद भारत ने जून 2020 में ईरान को 20,000 लीटर मैलाथियॉन की पहली खेप की आपूर्ति की थी। आसमान में उड़ने वाले टिड्डियों के दल में दस अरब तक टिड्डियां हो सकती हैं। 13 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने वाला इनका झुंड 200 किलोमीटर तक का रास्ता तय कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन यानी एफएओ के मुताबिक एक वर्ग किलोमीटर में फैले दल में करीब 4 करोड़ टिड्डियां होती हैं। अगर एक दिन में एक व्यक्ति 2.3 किलोग्राम औसत भोजन दिया जाए तो ये टिड्डियां एक दिन में 35 हजार लोगों का पेट भर सकने वाला खाद्यान्न चट कर सकती हैं।