नई दिल्ली : विश्व जल दिवस के मौके पर सोमवार को ‘जल शक्ति अभियान’ की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें जल संसाधन दिए। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को पानी प्रदान करें। इसलिए हमें पानी बचाने का संकल्प लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वर्षा-जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा, उतना ही भू-जल पर देश की निर्भरता कम होगी। इसलिए ‘कैच द रेन’ जैसे अभियान चलाया जाना और इसका सफल होना बहुत जरूरी है। ऐसे में सभी को साथ मिलकर जल संरक्षण के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि सिंचाई योजना हो या हर खेत को पानी अभियान, ‘पर ड्रॉप, मोर क्रॉप’ अभियान हो या फिर नमामि गंगे मिशन, जल जीवन मिशन हो या अटल भूजल योजना, सभी पर तेजी से काम हो रहा है। हमें भी अपने पूर्वजों की तरह आने वाली पीढ़ी के लिए ‘जल का कल’ देना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल बचाने के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता को लेकर प्रयास पहले से शुरू किए गए हैं। इस परीक्षण पहल में ग्रामीण महिलाओं को जोड़ने का काम किया गया है। कोविड-19 के दौरान, 4.5 लाख से अधिक महिलाओं को जल परीक्षण का प्रशिक्षण दिया गया। पानी की गुणवत्ता की जांच की दिशा में आजादी के बाद से पहली बार कोई सरकार समर्पण के साथ काम कर रही है। अपने संबोधन में पीएम मोदी जल शपथ की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार के जल संरक्षण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक भारतीयों की मदद चाहिए होगी। इस अभियान के लिए विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया है और ‘जल शपथ’ दिलाई जा रही है कि हर परिस्थिति में जल सरंक्षण के कार्यों से वे विरत नहीं होंगे।