नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट हरियाणा और दिल्ली जल विवाद पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा। दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पर्याप्त पानी छोड़ने की मांग की है। दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि हरियाणा यमुना में प्रदूषण फैला रहा है, उसे ऐसा करने से रोका जाए। यमुना प्रदूषण पर स्वतः संज्ञान लेने के मामले पर सुनवाई करते हए सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी को जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में जल शक्ति मंत्रालय को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में 13 जनवरी को वकील मीनाक्षी अरोड़ा को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह खुद भी इस मामले पर संज्ञान ल रहा है। दिल्ली जल बोर्ड ने याचिका दाखिल कर कहा था कि हरियाणा से पीने का गंदा पानी आ रहा है, जिसमें अमोनिया की मात्रा ज्यादा है पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से कैंसर जैसी बीमारी बढ़ने का खतरा ज्यादा है। याचिका में कहा गया था कि एनजीटी ने भी माना है कि हरियाणा का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सही नहीं है।