तीन वीरांगनाओं के नाम पर महिला पीएसी बटालियन की आज से स्थापना

सीएम ने बलिदान दिवस समारोह में रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीन महान वीरांगनाओं के नाम पर तीन महिला पीएसी बटालियन की घोषणा की है, जिन्होंने देश की स्वाधीनता की आन्दोलन में अपना बलिदान दिया। इन बटालियन की आज से स्थापना होने जा रही है। ये बटालियन रानी अवंती बाई, ऊदा देवी और झलकारी बाई के नाम पर हैं। इस सम्बन्ध में सारी औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री शनिवार को हजरतगंज में रानी अवंती बाई लोधी के बलिदान दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद सभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी मौजूद थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के बलिदान दिवस पर आज राष्ट्र उनको नमन कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम स्वाधीनता समर इस देश को फिरंगियों की गुलामी से मुक्त करने के लिए देश के अंदर अलग-अलग स्थानों पर जो क्रांति की ज्वाला जली थी, बुन्देलखण्ड ने भी उसमें बहुत बड़ी भूमिका का निर्वहन किया था। झांसी में रानी लक्ष्मीबाई और रामगढ़ में रानी अवंती बाई इस पूरे स्वतंत्रता समर को नेतृत्व दे रहे थे।

योगी ने कहा कि और 1857 में उन्होंने विजय भी प्राप्त की थी लेकिन घर का भेदी अंततः हम सब का दुश्मन रहा है और यही अवंती बाई के साथ भी हुआ। उन्होंने कहा कि जब बहुत सारे राजा, महाराजा अपनी सत्ता, राज्य को बचाने के लिए अंग्रेजों की हुकुम स्वीकार कर रहे थे, तब रानी लक्ष्मी बाई और रानी अवंती बाई ने विदेशी हुकूमत की दासता स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और अंतिम दम तक मातृभूमि की रक्षा करने, देश के स्वाभिमान और सम्मान के लिए लड़ते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका बलिदान हम सबको भारत की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत माता की इन महान वीरांगनाओं से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में मातृशक्ति की सुरक्षा सम्मान और स्वावलंबन के लिए एक विशेष कार्यक्रम मिशन शक्ति के रूप में प्रारंभ किया है। इसी मिशन शक्ति के तहत हमने उत्तर प्रदेश पुलिस में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए हैं, जिससे कि नारी की गरिमा के सम्मान की रक्षा हर हाल में हो। इसके साथ ही वीरागनाओं के बलिदान की भी चर्चा हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 1,535 थानों, 350 तहसीलों में महिला सुरक्षा को लेकर हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। महिलाओं से सम्बन्धित साइबर अपराध के लिए हर स्तर पर भी साइबर सेल की स्थापना की गई है। हर मंडल में महिलाओं के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध की सुनवाई के लिए पुलिस महानिरीक्षक को जिम्मेदारी दी गई है। हमारा प्रयास है कि हर जिले में कम से कम पांच महिला पुलिस की रिपोर्टिंग चौकी भी स्थापित हो। इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और वीरांगना अवंती बाई ने 1857 की क्रांति में उन्होंने अंग्रेजों को हरा दिया था और उसके बाद एक वर्ष तक राज्य किया। इसके बाद अपने ही लोगों के विश्वासघात के कारण इनका बलिदान हुआ था। इन्होंने अंग्रेजों की अधीनता मानने से इनकार कर दिया था। आज का दिन उनकी स्मृति के लिए याद करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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