स्वास्थ्य कर्मियों के बाद अब 60 साल से ज्यादा तथा सहरुग्णता वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। इस बीच इंटरनेट मीडिया लोकल सर्कल ने टीकाकरण के मुद्दे पर एक सर्वे किया। 75 फीसद लोगों ने कहा कि अगर वैक्सीन विपुलता में उपलब्ध हो व बड़े पैमाने पर टीकाकरण की व्यवस्था संभव हो तो 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीके लगाए जाएं।
वैक्सीन का सदुपयोग जरूरी: सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण के लिए जब कोविड वैक्सीन की शीशी खोल दी जाती है तो चार घंटे के भीतर उसका इस्तेमाल आवश्यक हो जाता है। कोविशील्ड की पांच एमएल की एक शीशी में 10 खुराक होती है, जबकि कोवैक्सीन की 10 एमएल की शीशी में 20 खुराक। लोगों ने बताया कि वैक्सीन की खपत सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी अपने जानकारों को बुलाते हैं। उन्हें गलत तरीके से सहरुग्णता पीड़ित प्रमाणित करवाते हैं अथवा अग्रिम पंक्ति में काम करने वाला बताकर वैक्सीन की बची हुई खुराक दिलवाते हैं।
वैक्सीन का भंडारण अधिक और टीकाकरण की रफ्तार कम है। क्या सरकार को निजी अस्पतालों और लैब में शाम छह बजे के बाद थोड़ा अधिक शुल्क लेकर 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की छूट दे देनी चाहिए?
ऐसे किया गया सर्वे: देश के 281 जिलों से लोगों की करीब 19 हजार प्रतिक्रियाएं आईं। इनमें 32 फीसद महिलाएं व 68 प्रतिशत पुरुष शामिल थे। 46 फीसद लोग टियर एक, 29 प्रतिशत टियर दो व 25 फीसद टियर तीन व चार शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्र के थे।