नई दिल्ली : फरवरी में इक्विटी म्यूचुअ फंडों की फोलियो की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ। इसमें लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप श्रेणियों की अहम भूमिका रही। फरवरी में इक्विटी फंडों के नए 3.4 लाख फोलियो खुले. नए फोलियो का एक साल का मासिक औसत 2.6 लाख है। म्यूचुअल फंडों की संस्था एम्फी के अनुसार, बीते आठ महीनों में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश घट रहा है। मगर फोलियो की संख्या में इजाफा हुआ है। अब कुल इक्विटी फोलियो की संख्या 6.5 करोड़ तक पहुंच गई है। यह म्यूचुअल फंडों के कुल फोलियो संख्या का दो-तिहाई है। फोलियो म्यूचुअल फंड खाते की संख्या होती है. किसी फंड में निवेश करने पर म्यूचुअल फंड हाउस निवेशक को फोलियो जारी करता है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते हैं। फरवरी में 77,232 लार्जकैप फोलियो जुड़े, जो बीते एक साल की औसत की तुलना में 49 फीसदी अधिक है।
इक्विटी म्यूचुअल फंडों के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) की लार्जकैप कैटेगरी की 18 फीसदी हिस्सेदारी है। कुल फोलियो संख्या मे इसकी हिस्सेदारी 16.1 फीसदी है। लार्ज और मिडकैप श्रेणी मे फोलियो की संख्या बीते साल की तुलना में 135 फीसदी बढ़ी। मिडकैप श्रेणी में फोलियो की संख्या 56,107 बढ़ी, जो एक साल के औसत की तुलना में पांच गुना अधिक है। इक्विटी एयूएम और इक्विटी फोलियो में इसकी हिस्सेदारी 11 फीसदी है। इक्विटी फंडों से निकासी की मुख्य वजह फ्लेक्सीकैप फंडों से निकासी का दबाव है। यह नई श्रेणी सेबी ने दिसंबर 2020 में पेश की थी। नवंबर 2020 में 35 मल्टीकैप स्कीमें थी, जिसमें से सिर्फ 10 स्कीमें ही साल 2021 तक मल्टीकैप स्कीमें बनी हुई है, जबकि बाकी 25 फ्लेक्सी स्कीमों में तब्दील हो गईं। फरवरी में इन स्कीमों का एयूएम 1.6 लाख करोड़ रुपये था।