राजधानी दिल्ली में सिलेसिलेवार बम धमाकों में 39 लोगों की हो गयी थी मौत
नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने साल 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान हुई पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के दोषी आरिज खान को सोमवार को मौत की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि कि यह अपराध ‘दुलर्भतम श्रेणी’ में आता है, जिसके लिए अधिकतम सजा दिये जाने की जरूरत है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा कि आरिज को मृत्यु होने तक फांसी से लटकाया जाए। अदालत ने आरिज पर कुल 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और कहा कि इसमें से 10 लाख रुपये तत्काल शर्मा के परिवार के सदस्यों के लिये जारी कर दिये जाने चाहिये। दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर इलाके में 2008 में पुलिस और कथित आतंकियों के बीच हुई बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षक शर्मा की हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रीय राजधानी में हुए सिलेसिलेवार बम धमाकों में 39 लोगों की मौत हो गई थी और 159 लोग घायल हुए थे, जिसके बाद यह मुठभेड़ हुई थी। न्यायाधीश ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 10 लाख रुपये का जुर्माना अपर्याप्त है। ऐसे में, मैं अतिरिक्त मुआवजा दिए जाने के लिए इस मामले को दिल्ली विधिक सेवाएं प्राधिकरण को भेज रहा हूं।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने आतंकवादी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ से कथित रूप से जुड़े खान को मौत की सजा दिए जाने का अनुरोध किया और कहा कि यह केवल हत्या का मामला नहीं है, बल्कि न्याय की रक्षा करने वाले कानून लागू करने वाले अधिकारी की हत्या का मामला है। पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक ए टी अंसारी ने कहा कि इस मामले में ऐसी सजा दिए जाने की आवश्यकता है, जिससे अन्य लोगों को भी सीख मिले और यह सजा मृत्युदंड होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपना कर्तव्य निभाने के दौरान एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी गई।
लोक अभियोजक ने कहा, ‘आरिज और अन्य लोगों के पास हथियार थे, जोकि साफ तौर पर यह दर्शाता है कि वे लोग किसी भी मौके पर किसी की हत्या करने को लेकर तैयार थे। उन लोगों ने बिना किसी उकसावे के पहले गोलीबारी शुरू की थीवहीं, आरिज खान के वकील एम एस खान ने अपने मुवक्किल को मृत्युदंड दिये जाने का विरोध किया। दिल्ली की एक अदालत ने 2008 में बटला हाउस मुठभेड़ के दौरान हुई शर्मा की हत्या के लिए आरिज खान को आठ मार्च को दोषी ठहराया था। अदालत ने कहा था कि यह साबित होता है कि आरिज खान और उसके साथियों ने पुलिस अधिकारी पर गोली चलाई और उनकी हत्या की। इस मामले के संबंध में जुलाई 2013 में एक अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी शहजाद अहमद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध अहमद की अपील उच्च न्यायालय में लंबित है। आरिज खान घटनास्थल से भाग निकला था और उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। खान को 14 फरवरी 2018 को पकड़ा गया और तब से उस पर मुकदमा चल रहा था।