सोनभद्र : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि आदिवासी वनवासी समुदाय के विकास के बिना देश और समाज का विकास नहीं हो सकता।पूर्वांचल के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन श्री कोविंद ज़िले में बाभनी ब्लाक के कारिडाड़,चपकी स्थित सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित सेवा कुंज आश्रम में नवनिर्मित स्कूल , छात्रावास आदि का लोकार्पण करने पहुँचे थे। उन्होने कहा “जब भगवान राम ने रावण से युद्ध में विजय पायी थी उसमें वनवासियों का बहुत बड़ा सहयोग था उसी प्रकार यदि देश और समाज आगे बढाना है तो पहले वनवासी समाज को आगे ले जाना होगा।” राष्ट्रपति ने कहा कि सोनभद्र चार प्रदेशों की सीमाओं से घिरा हुआ है, ऐसे स्थान पर स्कूल और हास्टल संचालित होने से उत्तर प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती इलाक़ों के वनवासी छात्रों को भी लाभ होगा। उन्होने कहा कि वनवासी क्षेत्र उनके लिए तीर्थस्थल जैसे हैं। यदि वनवासी प्रोत्साहित हों तो देश ही नहीं विदेशों में भी भारत का नाम रोशन करेंगे। पिछड़ा,दलित एवं आदिवासियों,वनवासियों का विकास ज़रूरी है। उन्होंने एनटीपीसी द्वारा निर्माण कार्य कराए जाने पर उनकी सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल से अनुरोध किया कि केंद्र सरकार से तालमेल बैठाकर वनवासियों को आगे बढ़ाने में योगदान करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आत्मा वनवासी आदिवासी क्षेत्रों में बसती है यदि कोई भी इस कल्चर से परिचित होना चाहता है तो उसे सोनभद्र जैसे ज़िलों में समय बिताना चाहिए। आदिवासी समाज के विकास के बिना समग्र विकास अधूरा है। केंद्र और राज्य की सरकारें इनके विकास के अनेक कार्यक्रम चला रहे हैं। वनवासी समाज की अनेक प्रतिभाओं ने देश में अच्छा कार्य किया। विलुप्त होती जा रही वनवासी कलाओं के विकास के लिए सेवा समर्पण संस्थान कार्य कर रहा है यह देखकर ख़ुशी हो रही है। उन्होने कहा कि महापुरुषों की स्मृतियों और लोक कलाओं तथा गीतों के संरक्षण का कार्य भी किया जा रहा है। आशा करता हूँ कि वनवासी क्षेत्रों के विकास के लिए और कार्य भी प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता रहेगा। श्री कोविंद ने सेवा समर्पण संस्थान द्वारा संचालित उक्त सेवा कुंज आश्रम परिसर में निर्मित स्कूल ,छात्रावास और भोजनालय भवनों का लोकार्पण किया। उक्त निर्माण एन टी पी सी रिहंद द्वारा सी एस आर के तहत कराया गया था।