न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा है कि मुस्लिमों की मदद करना देश की जिम्मेदारी है. न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में दो साल पहले हुए अटैक के सिलसिले में जैसिंडा अर्डर्न ने यह बात कही. जैसिंडा अर्डर्न क्राइस्टचर्च मस्जिद हमले को लेकर श्रद्धांजलि सभा में शिरकत कर रही थीं.
मार्च 2019 में क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में हुए हमले में 51 लोगों की मौत हो गई थी और कई दर्जन लोग घायल हो गए थे. एक हमलावर ने भारी हथियारों से दो मस्जिदों में गोलीबारी की थी. घटना के बाद न्यूजीलैंड ने ज्यादातर सेमी-ऑटोमेटिक बंदूकों पर बैन लगा दिया था. वहीं, घटना के सर्वाइवर्स और पीड़ितों के परिजनों के साथ संवेदना प्रकट करने और हौसला देने के लिए न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न की दुनियाभर में तारीफ हुई थी.
घटना के दो साल बाद श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करते हुए जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि शब्दों में घाव भरने की ताकत होने के बावजूद, जो घटना हुई उसे कभी बदला नहीं जा सकता. कई पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार दिया गया. घटना की वजह से मुस्लिम समाज के ऊपर जो डर पैदा हुआ है, उसे शब्दों से कभी भरा नहीं जा सकता. हालांकि, हमारे देश को और अधिक समावेशी होना चाहिए जो विविधता पर गर्व करे और जरूरत पड़े तो इसका बचाव भी करे.
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर ब्रेन्टन टरैन्ट नाम के शख्स ने हमला किया था. हमले के कुछ ही मिनट बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. ब्रेन्टन ने 51 लोगों की हत्या, 40 लोगों की हत्या की कोशिश और आतंकवाद के मामले में दोष कबूल कर लिया था. उसे पिछले साल बिना पैरोल के आजीवन जेल की सजा सुनाई गई थी.
वहीं, पिछले हफ्ते ही पुलिस ने क्राइस्टचर्च में 27 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. युवक पर पुलिस ने आरोप लगाया कि वह उन्हीं दो मस्जिदों को लेकर हमले की धमकी दे रहा था जिन पर 2019 में अटैक किया गया था.