विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी। डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बाद इस वैक्सीन को अब अंतरराष्ट्रीय कोवैक्स मुहिम के तहत गरीब देशों को सप्लाई किया जा सकता है, जिन तक अभी तक कोई वैक्सीन नहीं पहुंची है। जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की खास बात यह है कि इसमें दो खुराक के बजाए केवल एक खुराक की आवश्यकता होगी। अन्य टीकों की दो खुराक लगाए जाने की आवश्यकता होती है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा है कि बड़े क्लीनिकल ट्रायल से मिले पर्याप्त डाटा में यह वैक्सीन वयस्क लोगों पर प्रभावी नजर आई है। संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की मंजूरी से एक दिन पहले ही 27 देशों के संगठन यूरोपीय संघ की यूरोपीयन मेडिसिन एजेंसी ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखाई थी।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने शुक्रवार की प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि एक नई वैक्सीन उपलब्ध हुई है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह दुनियाभर के लोगों को मिले, सिर्फ कुछ देशों और आबादी तक ही सीमित न रह जाए। इस बीच, फ्रांस के स्वास्थ्य नियामक ने भी जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। नियामक ने कहा कि फ्रांस में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को यह वैक्सीन दी जा सकती है।
अमेरिका में आपात इस्तेमाल की मंजूरी
हाल ही में अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने भी जॉनसन एंड जॉनसन के कोरोना रोधी टीके के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी है। यह तीसरा टीका है जिसे अमेरिका में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग किया जाएगा। अमेरिकी सरकार ने इस टीके की 10 करोड़ डोज खरीदी हैं। कंपनी ने मार्च के अंत तक दो करोड़ डोज उपलब्ध कराने का दावा किया है। पिछले वर्ष दिसंबर में अमेरिका ने फाइजर और मॉर्डना के टीकों को मंजूरी दी थी।