कहते हैं नमक स्वादानुसार खाना चाहिए, पर डॉक्टरों का मानना है कि नमक स्वास्थ्यानुसार खाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक एक व्यक्ति को दिन भर में औसतन दो हजार कैलोरी की आवश्यकता होती है, इसमें नमक की कुल मात्र पांच ग्राम ही होनी चाहिए। इससे अधिक नहीं, क्योंकि ज्यादा नमक शरीर के लिए नुकसानदायक है। ब्रिटेन की एक संस्था ‘एक्शन ऑन साल्ट’ ने वहां हेल्दी स्नैक्स कहे जाने वाले 119 पैकेज्ड फूड पर एक सर्वे किया है। इस सर्वे में यह सामने आया है कि वहां के 43 प्रतिशत हेल्दी प्रोडक्ट्स में नमक, फैट और शुगर की मात्र जरूरत से ज्यादा है।
भारत में बिकने वाले अधिकांश स्नैक्स का भी लगभग यही हाल है। संस्था ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट’ के एक अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय बाजारों में बिकने वाले अधिकांश जंक फूड में नमक की मात्र तय सीमा से कहीं ज्यादा है। कुछ दिनों पहले इस संस्था ने कुछ मशहूर ब्रांड के पिज्जा, बर्गर, सैंडविच, चिप्स एवं इंस्टेंट नूडल्स के सैंपल लिए और उनकी जांच की। जांच में पाया गया कि खाने पीने की इन चीजों में नमक जरूरत से ज्यादा या खतरनाक स्तर पर थी। इस रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि नमक की मात्र ज्यादा होने पर भी पैकेट के ऊपर एक चेतावनी लिखी जानी चाहिए, जिससे खरीदने वाले को सही जानकारी मिल पाए। भारत में खाने-पीने की चीजों के मानकों को तय करने वाली संस्था ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ के मुताबिक पैकेट बंद खाने में नमक एवं वसा की मात्र के बारे में बताना जरूरी है। यदि पैकेट पर नमक या वसा की मात्र जरूरत से ज्यादा हो तो पैकेट के सामने वाले हिस्से पर वाìनग लेबल लगाना आवश्यक है। पैकेट बंद खाने में नमक की मात्र इसलिए ज्यादा होती है, क्योंकि नमक संरक्षक का काम भी करता है। इसके अलावा पैकेट में डाले गए दूसरे रसायन और रंग के टेस्ट को कम करने के लिए भी नमक ज्यादा मात्र में डाला जाता है।
बहरहाल जान लें कि ज्यादा नमक खाने से शरीर में पानी बहुत ज्यादा मात्र में जमा होने लगता है। ऐसी स्थिति में हाथ, पैर और चेहरे पर सूजन आ जाती है। ज्यादा नमक खाने से शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ जाता है और पथरी की समस्या हो सकती है। ज्यादा नमक किडनी और दिमाग से संबंधित कई बीमारियों को भी जन्म दे सकता है। भारत दुनिया का दूसरा देश है जहां मधुमेह के सबसे अधिक मरीज हैं। हमारे देश में दिसंबर 2019 तक इसके मरीजों की संख्या सात करोड़ 70 लाख थी। वहीं हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा थी। देखा जाए तो इन सभी बीमारियों का एक कारण ज्यादा नमक खाना भी हो सकता है।