लखनऊ, 12 मार्च। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की पूर्व छात्रा सुश्री अपूर्वा श्रीवास्तव ने कनाडा में शीर्ष राजनयिक पद पर स्थापित होकर लखनऊ का गौरव बढ़ाया है। सुश्री अपूर्वा वर्तमान में कनाडा के टोरंटो स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास में काउन्सेल जनरल (महावाणिज्यदूत) के रूप में अपनी सेवायें प्रदान कर रही हैं। वे सी.एम.एस. महानगर एवं सी.एम.एस. जाॅपलिंग रोड कैम्पस की छात्रा रह चुकी हैं और स्कूली शिक्षा के उपरान्त उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में मास्टर्स (एम.ए.) की डिग्री हासिल की और वर्ष 2001 में भारतीय विदेश सेवा (आई.एफ.एस.) में चयनित हुई। स्कूली शिक्षा के समय से ही उन्होंने सदैव ऊँचे लक्ष्य रखे और हर बाधा को पारकर अपने उच्चतम लक्ष्य को हासिल किया। उन्होंने कड़ी मेहनत, ईमानदारी एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता के मूल्यों को स्थापित किया है। सुश्री अपूर्वा की माताजी गृहणी एवं पिताजी आई.ए.एस. अधिकारी थे।
सुश्री अपूर्वा श्रीवास्तव फ्रांस के पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में दो बार अपनी सेवायें दे चुकी हैं, साथ ही नेपाल के काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास में अपनी सेवायें दे चुकी हैं। उन्होंने सार्क सम्मेलन, ब्रिक्स सम्मेलन, इण्डिया-अफ्रीका सम्मेलन एवं प्रवासी भारतीय दिवस जैसे अनेकों आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। इसके अलावा, उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज एवं विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर के साथ भी कार्य किया है। वर्तमान में सुश्री अपूर्वा टोरंटो स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास में काउन्सेल जनरल के रूप में दोनों देशों के राजनैतिक व व्यापारिक सम्बन्धों को बढ़ावा देने, भारत की साँस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने एवं विदेश में भारतीय लोगों को हितों सुरक्षित रखने में बड़े ही प्रभावशाली तरीके से अपनी भूमिका निभा रही हैं।
सुश्री अपूर्वा अपनी सफलता का सम्पूर्ण श्रेय सी.एम.एस. एवं इसके शिक्षकों को देती हैं, जिन्होंने बचपन से ही चुनौतियों का सामना करना सिखाया। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सी.एम.एस. में मुझे वैश्विक दृष्टिकोण मिला जिसने मुझे दुनिया भर के लोगों के साथ काम करने व प्रबन्धन करने में बहुत मदद की है। सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी के प्रेरक उद्बोधनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि डा. गाँधी के प्रभावशाली विचारों ने व्यक्तित्व विकास की नींव रखी।