लखनऊ : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जुमलेबाजी की सरकार ने घाटे के बजट में बेरोजगारी की विकराल समस्या को नजरअंदाज किया है। ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस की लखनऊ चैप्टर के तरफ से आयोजित लेक्चर सीरीज 3 में यूनियन तथा राज्य बजट एवं बेरोजगारी विषय पर एक चर्चा पर बोलते हुये श्री तिवारी ने कहा कि मौजूदा सरकार जुमलेबाजी की सरकार है जिसने घाटे का बजट पेश किया तथा इसमें बेरोजगारी को नजरअंदाज किया है। बजट के प्रावधानों में रोजगार सृजन की उपेक्षा की गई है। प्रदेश तथा देश के हित में वही बजट अच्छा होगा जहां आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार सृजन भी हो।
लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद मोहन ने कहा कि भारत ने आजादी के बाद से आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में बहुत प्रगति की है और विशेष रूप से बीसवीं सदी के पहले दशक में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है। भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों के लिए एक उदाहरण रही है। मौजूदा हालात में आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होती गई उसके कई कारण हैं। न्होने मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आर्थिक सुधार के दूसरे चरण तथा तीसरे चरण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जब तक संस्थागत विकास एवं अन्य संस्थाओं का साथ में आकर काम करना नहीं संभव होगा तब तक आर्थिक वृद्धि के कोई माने नहीं है। उन्होंने कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों को इन चीजों से ऊपर उठकर अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों की पहल करनी होगी।