उस पर फर्जी आर्मी कैप्टन आफिसर, डिप्टी एसपी बनकर आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर लाखों की ठगी व धोखे से शादी करने का है आरोप
पुलिस ने गिरफ्तार राजवीर उर्फ आनंद के पास से आर्मी के कई फर्जी दस्तावेज, आईकार्ड बरामद किये हैं
सुरेश गांधी
वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सेना का फर्जी अधिकारी बनकर लोगों को चूना लगाने वाले शातिर ठग राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार मंगलवार को एसटीएफ टीम के हत्थे चढ़ गया। उस पर फर्जी आर्मी कैप्टन और डिप्टी एसपी बनकर लोगों के साथ ठगी करने का आरोप है। एसटीएफ के मुताबिक वह वाराणसी सहित आसपास के जिलों के भोले-भाले बेरोजगार नवयुवकों को सेना में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता है। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से दो अदद मोबाइल फोन, तीन अदद आर्मी भर्ती का फर्जी एडमिट कार्ड मय लिफाफा, एक अदद फर्जी डीएल, एक अदद आर्मी कैप्टन की वर्दी, नगद-5000 रूपया, एक अदद मोटरसाइकिल, एक अदद आधार कार्ड, दो अदद कैप्टन की वर्दी में खिंचवाया गया फोटो, एक अदद फर्जी तरीके से डिप्टी एसपी के पद पर चयन की पेपर कटिंग, एक आर्मी की वर्दी, तीन अदद आर्मी का लोगो और पांच मुहर बरामद की गई।
एसटीएफ के उपाधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वाराणसी के शिवपुर कोट निवासी राजबीर पुत्र फूलचन्द सिंह आसपास के शहरों में लोगों को अपना शिकार बनाता था। इसने नकली मिलिट्री मैन बनकर धोखे से शादी भी की है। उन्होंने कहा कि राजवीर ने आर्मी अफसर बनने के साथ-साथ फर्जी डिप्टी एसपी का भी रूप धारण किया था। इसके अलावा आर्मी में भर्ती करवाने के नाम पर लाखों की ठगी की है। राजवीर ने वर्ष 2008 में आर्मी में भर्ती होने की परीक्षा दी थी लेकिन पास नहीं हो सका। इसके बाद उसके शातिर दिमाग में फर्जी आर्मी अफसर बनने का आइडिया आया और उसने लोगों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी की ड्रेस सिलवा ली। इसके बाद वो सबको खुद को वाराणसी कैंटोनमेंट में स्थित 39 जीटीसी रेजिमेंट का कैप्टन बताने लगा।
नकली आर्मी अफसर बनने के बाद राजवीर ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर शिकार ढूंढना शुरू किया। इस दौरान बेरोजगारी की मार झेल रहे कुछ युवक उसके झांसे में आ गए। इनमें से एक वाराणसी के ही लोहता निवासी अमरनाथ यादव से उसने 14 लाख रुपये आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर ले लिये। बाद में राजवीर ने इसी तरह कई और लोगों को भी बेवकूफ बनाकर उनसे लाखों रूपये ऐंठे। इतना ही नहीं राजवीर ओएलएक्स पर भी आर्मी का जवान बनकर लोगों को ठगने लगा। आर्मी इंटेलिजेंस को जब आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर एक गिरोह के सक्रिय होने की इनपुट मिली तो वह एसटीएफ फील्ड इकाई, वाराणसी को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस से की, जिसके बाद एसटीएफ को इसे पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
मंगलवार को राजवीर फिर एक व्यक्ति को नौकरी दिलाने के नाम पर कैंट थाना के कैंटोनमेंट में मिलने पहुंचा था। इसकी भनक जब एसटीएफ निरीक्षक अनिल सिंह को लगी तो वो अपनी टीम के साथ तकरीबन 11 बजे सेण्ट मेरी स्कूल के पास पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के मुताबिक वह ओएलएक्स के माध्यम से सामान बेचने के बहाने से लोगों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी की वर्दी पहन कर कैप्टन के रूप में अपनी जान पहचान बढ़ाता है। गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ एवं अभिसूचना संकलन से पाया गया गया कि यह एलएलबी तृतीय सेमेस्टर का छात्र है। वह आर्मी में भर्ती के नाम पर सात लोगों से चौदह लाख रूपये की ठगी कर चुका है।
इनके अतिरिक्त राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने सुधाकर वर्मा, रजनीश और दिव्या से दस लाख रूपये आर्मी में भर्ती के नाम पर ले लिया। अजय कुमार से डेढ लाख रूपये मिलिट्री कैण्टीन से सामान निकालने के नाम पर भी ठगी किया गया था। बाद में इसकी पत्नी एवं आस-पास के लोगों को इसके फर्जी आर्मी कैप्टन होने का संदेह होने लगा। इसी दौरान वर्ष-2020 में पीसीएस-2017 का परिणाम आया था, जिसमें आनन्द कुमार निवासी लंका वाराणसी नामक व्यक्ति का 62वीं रैंक आया था और इनका चयन डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था। इसकी जानकारी होने पर राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने अपने नाम का फायदा उठाकर समाचार पत्र के कार्यालय में जाकर अपना फोटो व पता देकर समाचार छपवाया कि उसका डिप्टी एसपी के पद पर नियुक्ति हुई है। इसके उपरान्त यह आर्मी कैप्टन एवं डिप्टी एसपी के रूप में ठगी करने का प्रयास करने लगा।
आरोप है कि वर्ष 2015 में इसने ओएलएक्स ऐप पर आर्मी का लोगो लगाकर अपनी आईडी बनायी थी और अपना एक सोनी कम्पनी के मोबाइल फोन को बेचने के लिये ओएलएक्स पर डाला था। इस मोबाइल फोन को खरीदने के लिये एक लड़की द्वारा रिक्वेस्ट भेजा गया। इस पर राजीवर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने उसको सिगरा स्थित बाटा शू के शोरूम पर बुलाया गया और वहॉ आर्मी कैप्टन के वर्दी में उस लड़की से मिला और अपनी नियुक्ति 39 जीटीसी कैण्टोमेण्ट वाराणसी मे होना और मूल निवासी हैदराबाद का बताया। इसके बाद दोनों में जान पहचान हुई और बाद में राजवीर सिंह उर्फ आनन्द कुमार ने उसको धोखे में रखकर उससे शादी कर ली। इस धोखे की बात संज्ञान में आने पर उसके पत्नी द्वारा थाना लोहता पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया।