भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल 2021 के अपने पहले मिशन में कामयाबी हासिल की है। इसरो ने रविवार सुबह 10:24 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी51 को लॉन्च किया। पीएसएलवी-सी51 अमेजोनिया-1 और दूसरे 18 सैटेलाइट को लेकर अंतरिक्ष में गया है।
इसरो की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीएसएलवी-सी51, पीएसएलवी का 53वां मिशन है। इस रॉकेट के जरिए ब्राजील के अमेजोनिया-1 उपग्रह के साथ 18 अन्य उपग्रह भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं। खास बात ये है कि इसरो ने इस बार सैटेलाइट के अलावा भगवद गीता की एक इलेक्ट्रॉनिक कॉपी भी अंतरिक्ष में भेजी है।
इसरो के बयान के मुताबिक, इस रॉकेट को चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया है। पीएसएलवी-सी51 को 28 फरवरी को सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसकी उल्टी गिनती शनिवार सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो गई थी। अमेजोनिया-1 को सफलतापूर्वक उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया गया है। इसरो के मुताबिक, अमेजोनिया-1 अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के लिए विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा। साथ ही मौजूदा ढांचे को और मजबूत बनाएगा।
इस साल के पहले मिशन के लॉन्च के बाद इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा, ”ब्राजील एकीकृत इस साल के पहले मिशन को लॉन्च कर भारत और इसरो बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। उपग्रह बहुत अच्छी कंडीशन में है। मैं ब्राजील की टीम को बधाई देता हूं।”
इन उपग्रहों में चेन्नई की स्पेस किड्ज़ इंडिया (एसकेआई) का उपग्रह भी शामिल है। इस अंतरिक्ष यान के शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। स्पेस किड्ज इंडिया ने एक एसडी कार्ड में भगवद्गीता की इलेक्ट्रॉनिक प्रति को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सुरक्षित किया, जिसे अंतरिक्ष में भेजा गया है।