बंगाली अभिनेता यश दासगुप्ता ने चुनाव से पहले थामा BJP का दामन, जानें- सांसद ने क्या कहा…
पश्चिम बंगाल में चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे ही भाजपा की रणनीति बदल रही है। बंगाल में होने वाले चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस और भाजपा टॉलीवुड सितारों की राजनीति में एंट्री करा रही है। इस लिस्ट में नया नाम जुड़ा है बंगाली अभिनेता यश दासगुप्ता का। यश ने चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। खास बात ये है कि यश टीएमसी सांसद नुसरत जहां के करीबी दोस्त हैं।
ऐसे में नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती सहित कई तृणमुल सांसदों पर भाजपा की पैनी नजर है। भगवा पार्टी उन्हें अपने खेमे में लाने की कोशिशों में जुटी हुई है। भाजपा अपनी इस रणनीति के जरिये तृणमूल को न सिर्फ बंगाल बल्कि केंद्र की राजनीति में भी कमजोर करने की जुगत में है। सूत्रों के मुताबिक, जिन सांसदों पर भाजपा की नजर है, उनमें देव, शताब्दी राय, अपरूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, शिशिर अधिकारी, दिब्येंदु अधिकारी, मिमी चक्रवर्ती और नुसरत जहां के नाम उल्लेखनीय हैं।
भाजपा में शामिल होने को नुसरत ने अफवाह बताया
भाजपा का दावा है कि विधानसभा चुनाव के बाद बहुत से तृणमूल सांसद भाजपा में शामिल हो जाएंगे। दूसरी तरफ तृणमूल के कई सांसद भाजपा में शामिल होने की बात से साफ तौर पर इन्कार कर चुके हैं। इस संबंध में टीएमसी सांसद व अभिनेत्री नुसरत जहां ने इसे अफवाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि मैं टीएमसी की वफादार सिपाही हूं और अपनी पार्टी के लिए काम जारी रखूंगी।’
चुनाव लड़ने को तैयार यश दासगुप्ता
वहीं भाजपा ज्वाइन करने के बाद यश दासगुप्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि वह आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी द्वारा लिया जाएगा। अगर हम राज्य और देश में बदलाव लाना चाहते हैं, तो हम सिस्टम से बाहर रहकर ऐसा नहीं कर सकते। हमें सिस्टम में रहना होगा। परिवर्तन लाएं। मुझे लगता है कि राजनीति में शामिल होने का यह सही समय है।
माला राय ने कहा- वे ममता दीदी के साथ हैं
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल सांसद सौगत राय व माला राय को भाजपा की तरफ से कोई पेशकश नहीं की गई है। सौगत राय एक साक्षात्कार में कह भी चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल होने के बजाय मर जाना पसंद करेंगे। वह धर्मनिरपेक्ष व उदार लोकतंत्र में यकीन करते हैं इसलिए उनके लिए भाजपा और आरएसएस के हिंदुत्व की राजनीति को स्वीकार करना संभव नहीं है। माला राय ने भी साफ तौर पर कहा है कि वे ममता दीदी के साथ हैं।
गौरतलब है कि तृणमूल सांसद सुनील मंडल तृणमूल छोड़कर कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। मंडल के पार्टी छोड़ने के बाद लोकसभा में तृणमूल के अब 21 सांसद हैं। लोकसभा में तृणमूल वर्तमान में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।