इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर से कमेंटेटर बने डेविड लॉयड ने भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में संपन्न हुए टेस्ट के दौरान अपने ऑन-फील्ड व्यवहार के लिए भारत के कप्तान विराट कोहली की कड़ी आलोचना की। जहां विराट कोहली को जीत के लिए भारत की अगुवाई करने के लिए प्रशंसा मिल रही है, वहीं उन्होंने अंपायर नितिन मेनन के साथ गर्मजोशी के टकराव में शामिल होकर खुद के लिए आलोचनाओं को भी आमंत्रित किया है।
दरअसल, यह घटना मैच के तीसरे दिन के अंतिम ओवर के दौरान हुई जब अंपायर नितिन मेनन ने भारतीय खिलाड़ियों द्वारा एलबीडब्ल्यू की अपील करने के बाद जो रूट को नॉट आउट करार दिया। मेजबान टीम आश्वस्त थी कि उनको विकेट मिल सकता है, क्योंकि कोहली ने रिव्यू लिया था। हालांकि, अंपायर्स कॉल के कारण रूट नॉट आउट रहे, जिससे कोहली एकदम गुस्से में आ गए, क्योंकि थर्ड अंपायर ने बॉल-ट्रैकिंग से पता किया था कि गेंद स्टंप्स को लग रही थी।
अगर अंपायर नितिन मेनन जो रूट को आउट देते तो उनको लौटना पड़ता, लेकिन गेंद पूरी तरह से स्टंप पर नहीं लग रही थी। ऐसे में विराट कोहली और अंपायर मेनन के बीच बहस हो गई। इसी वजह से इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने डेली मेल को लिखे अपने कॉलम में कहा है कि इस मैच के लिए विराट कोहली को रेड कार्ड दिया जाना चाहिए था और उन्हें तीसरे मैच से बैन किया जाना चाहिए था। उन्होंने इस मामले में मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ को भी घसीटा है।
लॉयड ने कहा है, “विराट कोहली के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई का कोई शब्द नहीं? मैं चौंक गया हूं और मुझे निराशा है। क्रिकेट तो पुरातन है। एक राष्ट्रीय टीम के कप्तान को पिच पर एक अधिकारी की आलोचना करना, डराना और उपहास करने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके उन्हें दूसरे टेस्ट में खेलने की अनुमति थी! किसी अन्य खेल में, उन्हें मैदान से बाहर भेज दिया जाता। कोहली को निश्चित रूप से अगले सप्ताह अहमदाबाद में खेलना नहीं चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “जनता को किसी भी अपराध की गंभीरता दिखाने के लिए पीले और लाल कार्डों की शुरूआत होती है। यह एक सीधा रेड कार्ड था – जिसका मतलब है कि वह अगले तीन टेस्ट मैच मिस करेंगे। मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ की ओर से किसी भी कार्रवाई का अभाव है और वे अपने अच्छे वातानुकूलित कमरे में बैठे हैं। साढ़े तीन दिन के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं कहा है।”