पश्चिमी यूपी का मुरादाबाद मंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी राजनीतिक चुनौती लिए खड़ा है. मार्च 2017 में यूपी की सत्ता संभालने के बाद मुरादाबाद मंडल से ही योगी को कठिन चुनौती मिली है. मुरादाबाद मंडल में बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल और रामपुर जिले आते हैं. इन जिलों में कुल छह लोकसभा सीटें हैं तो विधानसभा सीटों की संख्या 27 है.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा कुल 62 सीटें जीतकर यूपी में सिरमौर बनी थी वहीं मुरादाबाद मंडल में पार्टी की स्थिति वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से उलट गई थी. यहां पार्टी जीत का खाता तक नहीं खोल पाई. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से डॉ. नैपाल सिंह, संभल से सतपाल सैनी, मुरादाबाद से कुंवर सर्वेश, अमरोहा से कंवर सिंह तंवर, बिजनौर से कुंवर भारतेंद्र सिंह तथा नगीना से यशवंत सिंह ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर संसद की राह पकड़ी थी. पांच साल बाद जब वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव आया तो राजनीतिक परिदृश्य उल्टा हो गया. मुरादाबाद से सपा के डॉ. एस. टी. हसन, संभल से सपा के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क, अमरोहा से बसपा के कुंवर दानिश अली, रामपुर से सपा के आजम खां, बिजनौर से बसपा के मलूक नागर और नगीना से बसपा के गिरीश चंद चुनाव जीत गए जबकि भाजपा का खाता ही नहीं खुला.
लोकसभा चुनाव से दो वर्ष पहले वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में भाजपा बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो गई थी. लेकिन सपा के गढ़ कहे जाने वाले मुरादाबाद मंडल में पार्टी का मुकाबला सपा से बराबरी का था. यहां की 27 सीटों में से 14 पर भाजपा और 13 पर सपा काबिज है. विधानसभा चुनाव में बराबरी के मुकाबले के बाद लोकसभा चुनाव में सपा को मिली बढ़त को वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पलटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आतुर दिख रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने पौने चार साल में मुरादाबाद के आठ दौरे कर डाले. इसमें लोकसभा चुनाव की हार के बाद चार दौरे शामिल हैं. पिछले 66 दिनों में योगी 15 फरवरी को दूसरी बार मुरादाबाद पहुंचे.
मुरादाबाद सर्किट हाउस के पीछे बुद्धि विहार के विशाल मैदान पर श्रम विभाग की ओर से आयोजित 2,754 बेटियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले को 183 करोड़ रुपए की सौगात भी दी. पिछले वर्ष 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद दौरे के दौरान सर्किट हाउस में मुरादाबाद मंडल के सभी विधायकों, जनप्रतिनिधियों और प्रभारियों की बैठक ली थी. भाजपा नेताओं से योगी ने स्पष्ट कहा था, “हमें वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव को लक्ष्य मुरादाबाद से ही भेदना होगा क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद मंडल की सभी सीटें भाजपा हार गई थी.”
मुख्यमंत्री योगी लगातार 18 बिंदुओं जिनमें कानून व्यवस्था, स्व्च्छता कार्यक्रम, निराश्रित गोवंश, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, गन्ना मूल्य भुगतान शामिल हैं, के आधार पर नियमित मुरादाबाद मंडलों के जिलों की समीक्षा कर रहे हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच 47 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें मुरादाबाद से ही जीती थीं. सबसे अधिक मुरादाबाद में छह में से चार विधानसभा सीटों पर सपा को विजय मिली थी. नूरपुर में विधानसभा उपचुनाव में भी साइकिल ने भाजपा को पटखनी दे दी थी. इस तरह मुरादाबाद मंडल में सपा की सीटें बढ़कर 13 हो गई हैं.
मुरादाबाद में एक राजकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल तोमर बताते हैं, “यूपी में मिशन 2022 का लक्ष्य हासिल कर सत्ता में वापसी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पश्चिमी यूपी में खासकर मुरादाबाद मंडल में सपा के गढ़ में सेंध लगानी होगी. यहां भाजपा को अपनी सीटो पर काबिज रहने के साथ सपा की सीटें जीतने की चुनौती भी है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी लगातार न केवल मुरादाबाद मंडल के विकास पर नजर रखे हैं बल्कि नियमित दौरे कर यहां पार्टी की तैयारियों की समीक्षा भी कर रहे हैं.”
– 15 फरवरी 2021: सामूहिक विवाह समारोह
– 12 दिसंबर 2020 : भाजपा पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक
– 24 नवंबर 2019 : अकादमी के पासिंग परेड में शामिल हुए
– 5 अप्रैल 2019 : टीएमयू में आयोजित कार्यक्रम में
– 30 जून 2019 : कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए
– 8-9 जुलाई 2018 : दो दिवसीय दौरा
– 26 नवंबर 2017 : निकाय चुनाव में प्रचार के लिए
लोकसभा की कुल सीट: 6
भाजपा-0 : सपा-3, बसपा- 3
विधानसभा की कुल सीट: 27
भाजपा-14 : सपा-13