इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया ने साउथम्प्टन टेस्ट गंवाकर सीरीज जीतने का मौका भी गंवा दिया है और अब आम क्रिकेट प्रेमी से लेकर क्रिकेट दिग्गज भी भारतीय टीम की आलोचना कर रहे हैं. विराट कोहली की टीम को चौथे टेस्ट में 60 रनों से हार का सामना करना पड़ा और इसी के साथ इंग्लैंड ने 5 मैचों की सीरीज में 3-1 की अजेय बढ़त भी बना ली है. भारत की हार पर क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए हैं.
‘आजतक’ से खास बातचीत में गावस्कर ने कहा कि विराट की कप्तानी में अब वो बात नहीं है. उन्होंने कहा कि साल 2014 में जब विराट को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई थी तब उन्होंने टीम को एक नया जोश और दिशा देने का काम किया. लेकिन उसी वक्त से यह साफ था कि विराट की असल परीक्षा ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में होगी, क्योंकि वेस्टइंडीज या श्रीलंका जैसी टीमों को हराना कोई बड़ी बात नहीं, वो सीरीज तो टीम इंडिया के लिए प्रैक्टिस मैचों की तरह थीं. बता दें कि इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से सीरीज हारने के बाद कोहली की कप्तानी में विदेशी धरती पर लगातार दूसरी बार सीरीज की हार है.
सुनील गावस्कर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतकर विराट ने बतौर कप्तान अपनी काबिलियत साबित की थी. लेकिन इंग्लैंड में वैसा देखने को नहीं मिला. गावस्कर ने कहा कि बल्लेबाज के रूप में विराट ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन कप्तान तभी सफल हो सकता है जब उसकी टीम प्रदर्शन करेगी. विराट कोहली से हमेशा उम्मीदें बहुत ऊंची रहती हैं और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. यही वजह है कि देशभर के क्रिकेट प्रेमी इस हार से निराश हैं.
पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि यह हार निराशाजनक है और इसकी समीक्षा की जानी चाहिए. हमें देखना पड़ेगा कि कौन से खिलाड़ी टीम की जरूरत हैं और किसे बाहर किया जा सकता है. उन्होंने हार्दिक पंड्या पर दिए अपने बयान पर कहा कि हार्दिक ने पिछले कुछ टेस्ट मैच में खुद को साबित करके दिखाया है लेकिन इस सीरीज में ऑलराउंडर के तौर उनका भरपूर इस्तेमाल नहीं किया गया. गावस्कर ने कहा कि टीम इंडिया को आलोचना से प्रेरणा लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने काबिलियत के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है.
इंग्लैंड में खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर गावस्कर ने कहा कि एक-दो खिलाड़ियों को हार का दोष देना ठीक नहीं क्योंकि यह टीम गेम है. उन्होंने कहा कि अगर टीम इंडिया भरपूर प्रैक्टिस मैच खेलती तो फर्क जरूर पड़ता. उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों को वहां के हालात समझने में और मदद मिलती. अब इसके लिए टीम प्रबंधन की जिम्मेदार भी तय हो सकती है लेकिन उनका दोष कितना है इसके बार में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
गावस्कर ने कहा कि प्रबंधन और क्रिकेट बोर्ड को साझा रूप से प्रैक्टिस मैचों के लिए रणनीति बनानी चाहिए थी, क्योंकि नेट प्रैक्टिस काफी नहीं है, हमें मैच प्रैक्टिस की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में हमारे पास बोर्ड जैसा कुछ है ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ प्रशासक ही भारतीय क्रिकेट को चला रहे हैं.