केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) की प्रयोगात्मक परीक्षाओं में सेटिंग का खेल नहीं चलेगा। परीक्षा लेने पहुंचे परीक्षकों को लैब में परीक्षा कराने के दौरान प्रत्येक बैच की ग्रुप फोटो खींच कर बोर्ड की ओर से जारी ऐप लिंक पर अपलोड करनी होगी। फोटोग्राफ में बाहरी और आंतरिक परीक्षक भी होने जरूरी होंगे। इस व्यवस्था से बिना प्रैक्टिकल ही कागजों पर नंबर दिए जाने पर कुछ हद तक नकेल कसेगी। बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्धाज ने स्कूलों को विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।
दरअसल, बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षाओं की गाइडलाइन जारी की है। यह परीक्षाएं एक मार्च से 11 जून के बीच आयोजित की जाएंगी। हाईस्कूल में आंतरिक मूल्यांकन का प्राविधान है। जबकि इंटर में विज्ञान, फिजिकल एजुकेशन, इतिहास, एकाउंटेंसी सहित कई विषयों में बाहरी परीक्षक तैनात किए जाते हैं। इनमें कुछ ऐसे विषय भी हैं, आंतरिक मूल्यांकन स्कूल स्तर पर तैनात परीक्षक करते हैं। अभी तक सिर्फ प्रयोगात्मक परीक्षा की ग्रुप फोटो अपलोड करने का नियम था। अब लैब में प्रैक्टिकल कराते हुए भी फोटो अपलोड करनी होंगी। ऐप लिंक में जियोटैग फोटो होगी, जिससे लोकेशन भी पता चल जाएगी।
अपने शिक्षक से कराया एग्जाम तो होगा निरस्त
बोर्ड ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि हर स्कूल में एक बाहरी परीक्षक के साथ-साथ एक आंतरिक परीक्षक भी होगा। जहां भी बोर्ड की ओर से नामित परीक्षक की जगह किसी स्कूल ने प्रैक्टिकल परीक्षा बाहरी परीक्षक से करवाई तो वहां की परीक्षा रद कर दी जाएगी। उस स्कूल के बच्चों को थ्योरी पेपर में मिले अंकों के आधार पर प्रैक्टिकल में अंक दे दिए जाएंगे। परीक्षा की निगरानी के लिए बोर्ड पर्यवेक्षक नामित करेगा।
प्रैक्टिकल के तुरंत बाद अपलोड करने होंगे नंबर
प्रैक्टिकल एवं प्रोजेक्ट अंक बोर्ड की ओर से दिए गए लिंक पर काम पूरा होने के तुरंत बाद और उसी तारीख को अपलोड करना होगा। आंतरिक ग्रेड के अंक भी एक साथ अपलोड किए जाएंगे। 11 जून के बाद कोई भी प्रैक्टिकल परीक्षा एवं अंक अपलोड करने की प्रक्रिया नहीं की जा सकेगी। छूटे हुए बच्चों को प्रैक्टिकल परीक्षा में अनुपस्थित माना जाएगा।