रायबरेली : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सलाहकार बनकर एसपी पर रौब गांठने वाले को पुलिस ने उसके साथियों सहित गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से मर्सीडीज, बीएमडब्ल्यू, एक्सयूवी गाड़ियां बरामद की हैं। इसके एक साथी को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। गुरुवार को पुलिस ने पूरे मामले का पटाक्षेप करते हुए कई अहम खुलासे किए। दरअसल बीती 30 जनवरी को पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार को एक नंबर से फोन आया, जिसमें उनसे दहेज के एक मामले में कार्रवाई करने की बात कहते हुए विवेचक को हटाने की बात कही गई। जब पुलिस अधीक्षक को इसको लेकर शंका हुई तो उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय फोन कर जानकारी की तो पता चला कि इस तरह का कोई फोन वहां से नही किया गया है। बाद में जांच में पता चला कि जिन नंबरों से फोन किये गए थे वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए है।
पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए बुधवार को एसओजी और सर्विलांस टीम ने आरोपी सैय्यद नसर नफीस निवासी माल एवेन्यू लखनऊ व उसके साथी प्रदीप शुक्ला पुत्र रमापति शुक्ला निवासी तेलीबाग व मो शादाब निवासी टिकैत राय तालाब लखनऊ को नगर कोतवाल अतुल सिंह व सर्विलांस प्रभारी अमरेश त्रिपाठी की टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से मर्सडीज, बीएमडब्ल्यू, एक्सयूवी सहित लग्जरी गाड़िया, मोबाइल, तीन सिम, दो एटीएम व नगदी बरामद की गई है। अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना नसर नफीस इस तरह के फर्जीवाड़े में 20 साल से लिप्त है। वह सीयूजी से मिलते जुलते नंबर का इस्तेमाल अधिकारियों पर अनुचित दबाब बनाने के लिये करता था। अपर पुलिस अधीक्षक के अनुसार इससे आरोपी ने काफ़ी संपत्ति भी बनाई है। वह प्रेस लिखे लग्जरी वाहनों का इस्तेमाल करता था।