ISIS का सरगना अबू बक़र अल बग़दादी. वाकई अजीब है आतंक का ये आक़ा. हाल के वक्त में किसी की मौत को लेकर सबसे ज्यादा पहेली बूझी गई है तो वो बस यही है. इसकी ज़िंदगी अगर छलावा है तो मौत एक पहेली. डेढ़ साल से इसने मौत की खामोशी अख्तियार कर रखी थी. अब डेढ़ साल बाद अचानक फिर से बोल उठा है. खबर है कि इराक और सीरिया से बोरिया-बिस्तर बांध दिए जाने के बाद अब आईएसआईएस और उसका सरगना अफ्रीका पहंच गया है.
दरअसल, एक सवाल सबके जेहन में आता है कि अगर बग़दादी ज़िंदा है तो फिर कहां है? क्या पिछले डेढ़ साल से ‘बेघर’ है बग़दादी? क्या बग़दादी को चाहिए सिर छुपाने की नई जगह? वो नई जगह कहीं अफ़्रीका तो नहीं?
ये बड़ा सवाल इसलिए है क्योंकि डेढ़ साल की खामोशी और आईएसआईएस की बरबादी के बाद एक बार फिर आया है बगदादी का ऑडियो. इस ऑडियो में बगदादी अपने आतंकियों से एकजुट होने और हार ना मानने की अपील कर रहा है. लेकिन सवाल ये कि बगदादी के इस पैगाम का मतलब क्या है. दुनिया भर में फैले आईएसआईएस के आतंकी अगर बगदादी की बात मान भी लें तो वो एकजुट कहां होंगे. क्योंकि इराक और सीरिया में तो सेनाओं ने अपना कब्ज़ा वापस हासिल कर लिया है. तो फिर बगदादी के ये आतंकी कहां गए? क्या आईएस अब अपना बेस किसी अफ्रीकी देश में बना रहा है?
खबर है कि पिछले साल के आखिर में सीरिया और इराक पर अपना कब्ज़ा खोने के बाद हाल के दिनों में इस्लामिक स्टेट ने सोमालिया में अपनी जड़ें जमानी शुरू कर दी हैं। वहां आईएस के हमले भी बढ़ गए हैं. हाल में ही दक्षिण सोमालिया के लोअर शाबेल इलाके में आईएस ने 14 लोगों को मारने का दावा किया है. जनवरी से जुलाई 2018 तक सोमालिया में आईएस के हमलों से जुड़े आंकड़े बताते हैं कि इस देश में आईएस की गतिविधियां बढ़ रही हैं.
आईएस का दावा है कि सोमालिया में उसने सुनियोजित तरीके से कई हमले किए हैं. कुछ हमले जो दिन के समय किए गए उन्हें फिल्माया भी गया है. शुरू में ज़्यादातर हमले दक्षिण-पश्चिमी शहर अफगोये में करने का दावा किया गया. लेकिन हाल में अज्यादातर हमले राजधानी मोगादिशु के आसपास के शहरों में हो रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक आईएस ने इस साल जनवरी से जुलाई तक सोमालिया में 39 हमले किये हैं. इनमें से 27 हमले सिर्फ मई, जून और जुलाई में किए गए. 2017 में आईएस ने पूरे साल के दौरान सोमालिया में 21 हमले करने के दावे किए थे. इसका मतलब है कि सोमालिया में आईएस के हमलों में बढ़ोतरी हो रही है.
आईएस ने ज़्यादातर घात लगाकर या गोली मारकर हत्याएं की लेकिन कुछ में इम्प्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी का इस्तेमाल भी किया गया. आईएस के निशाने पर ख़ुफ़िया अधिकारी, सोमाली पुलिस और सैन्यकर्मी रहे. हालांकि आईएस की गतिविधियां बढ़ने के बावजूद सोमालिया में इनके हमले फिलहाल छोटे रहे हैं.
सोमालिया में आईएस का मुकाबला आतंकी संगठन अल-शबाब के साथ है जो सेना, सरकार और अफ़्रीकी सेनाओं पर अक्सर बड़े और घातक हमले करता है. और असल में अल-शबाब की मौजूदगी सोमालिया में आईएस के विस्तार में रोड़ा है.
सोमालिया में आईएस के हमलों की जानकारी उसकी मीडिया विंग अमाक़ दे रही है. अमाक़ की ज़्यादतर रिपोर्ट में हमले या उसके बाद की तस्वीरें या वीडियो होते हैं. जिन्हें देखकर लगता है कि इन्हें बेहद करीब से फिल्माया गया है. इन्हें अक्सर दिन के उजाले और सार्वजनिक इलाकों में लोगों के साथ फ़िल्माया गया है.
आईएसआईएस ने अब तक सोमालिया को समर्पित एक ही प्रौपेगैंडा वीडियो बनाया. जिसे दिसंबर 2017 में जारी किया गया था. जिसमें क्रिसमस और नए साल के दौरान ‘वेस्टर्न टारगेट’ के ख़िलाफ़ हमले के लिए उकसाया गया था. आईएस साल 2015 के आखिर से सोमालिया में अपनी उपस्थिति का दावा करता रहा है. इसमें शामिल ज़्यादतर लोग प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से लाए गए हैं.
अब्दिकादिर मुमिन को सोमालिया में आईएस चरमपंथियों का सरगना बताया जाता रहा है. मुमिन और उसके कुछ लड़ाके अल-शबाब से आए हैं और अक्तूबर 2015 में वो आईएस के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी के साथ एक वीडियो में प्रतिज्ञा लेते हुए दिखाए गए. तब आईएस चरम पर था. इस सौगंध के बाद आईएस का एक मीडिया कैंपेन भी आया जिसमें अल-शबाब के लोगों से आईएस में शामिल होने की अपील की गई थी.
हालांकि अल-शबाब के दबदबे की वजह से आईएस लड़ाकों को सोमालिया में अपनी पकड़ बनाने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. क्योंकि अल-शबाब देश में आईएस चरमपंथियों का खुलेआम सफ़ाया कर रहा है. यहां तक कि अपने उन सदस्यों का भी जो आईएस में शामिल होना चाहते थे या उनके प्रति झुकाव रखते थे. हालांकि अमरीका का मानना है कि सोमालिया के आईएस लड़ाके यमन से ही हथियार लेते हैं.