कोरोनाकाल की चुनौतियों के बीच समय से पहले पूरा होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे : योगी

कहा विकास की प्राथमिकताओं को तेजी के साथ बढ़ाना होगा आगे

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली लानी है तो हमें विकास की प्राथमिकताओं को तेजी के साथ आगे बढ़ाना होगा। विकास की रचनात्मक सोच को आगे बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री सोमवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निरीक्षण करने के दौरान लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले प्रोजेक्ट बनते थे और छोटा सा प्रोजेक्ट में जिसे एक वर्ष में पूरा होना होता था, उसमें 10-12 साल का समय लग जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा 2017 में जब प्रदेश में हमारी सरकार बनी तो हमने सिंचाई की बाण सागर परियोजना को पूरा कराते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से इसे राष्ट्र को समर्पित कराया। उन्होंने कहा कि 1973 में योजना आयोग ने इस प्रोजेक्ट को बनाया था। इसके बाद 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने परियोजना का शिलान्यास किया था। लेकिन, 1978 से लेकर अगले 40 वर्षों तक कोई उसका पुरसाहाल लेने वाला नहीं रहा। उन्होंने कहा कि ऐसी अनेक योजनाएं थीं जो बनती तो थीं। लेकिन, जब लागू होने के बात आती थी तो उसमें हमेशा समयबद्ध ढंग से काम नहीं चल पाता था। इस्टीमेट रिवाइज करने के लिए जाता था। सरकार पैसा नहीं देती थी और कार्य लटकता रहता था, विकास पिछड़ जाता था। नौजवानों की नौकरी, रोजगार पर असर पड़ता था। इसकी वजह से हम विकास के पैमाने पर देश और दुनिया में पिछड़ जाते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का जून 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने शिलान्यास किया था। 36 महीने में यह बनकर तैयार होना था कोरोना के कारण मार्च से लेकर मई तक लॉकडाउन था। स्थिति सामान्य होने में दो महीने और लगे। बावजूद इसके हमारा प्रयास है कि 15 अप्रैल,2021 तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को बना दें। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को हम समय से पहले बनाकर दे रहे हैं। ये रुपये की भी बचत है। जनता की सुविधाओं में अभिवृद्धि और निवेश की सम्भावनाओं की दृष्टि से एक आकर्षक स्थल के रूप में प्रदेश को विकसित करने की दिशा में किए गए प्रयास का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तो है ही, साथ ही जनता का सकारात्मक सहयोग भी है, जिसके परिणाम स्वरूप आज देश का हर निवेशक उत्तर प्रदेश आकर कार्य कर अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है। वह विकास की प्रक्रिया के साथ जुड़कर प्रदेश की उन्नति में अपना योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट केवल सड़क का प्रोजेक्ट नहीं है। यह प्रदेश की खुशहाली का प्रोजेक्ट भी है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, यह एक्सप्रेसवे का जाल उत्तर प्रदेश के अंदर दिखाई दे रहा है, भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मोदी की अपेक्षा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन यूएस डॉलर की इकोनॉमी बनाने की दिशा में हम सबके प्रयास का एक हिस्सा है। जिससे प्रदेश की 24 करोड़ जनता के चेहरे पर हम खुशहाली ला सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में उन्होंने इस पूरे एक्सप्रेस वे का गाजीपुर से लखनऊ तक विभिन्न जनपदों के दौरे के दौरान निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यहां पर मौजूद भीड़ विकास के प्रति लोगों की सोच को प्रदर्शित करता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी है। इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है। इस परियोजना से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुलतानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर लाभान्वित होंगे। यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। एक्सप्रेस-वे सम्पूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की रीढ़ साबित होगा।

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