जब कोई मनुष्य किसी मंदिर में जाता है तो कभी-कभी मंदिर के पंडित मनुष्य को ईश्वर के पास से फूल या फूलों की माला उठाकर व्यक्ति को दे देता है। मंदिर से मिलें इस फूल या माला को व्यक्ति अपने घर ले आता है किन्तु कुछ दिन के पश्चात् जब यह माला या फूल सूख जाता है तो मनुष्य इस बात को लेकर परेशान हो जाता है कि अब इन सूखे हुए फूल अथवा माला का क्या किया जाय। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर से प्राप्त हुए इन फूलों या माला के गलत उपयोग से मनुष्य पाप का भागीदार बनता है। आइए जानते हैं कि मंदिर से प्राप्त इन फूलों या माला को सूख जाने पर क्या करना चाहिए।
मंदिर से प्राप्त फूल या माला घर लाने पर जब कुछ दिन के पश्चात् यह सूख जाए तो इन सूखे हुए फूलों को किसी कपड़े में बांध कर घर की तिजोरी में रख देना चाहिए। ऐसा करने से फूल या माला की सकारात्मक ऊर्जा घर में उपस्थित रहती है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जब हम किसी तीर्थ स्थान अथवा किसी दूर-दराज के मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं तो वहां भी मंदिर के पंडित ईश्वर को चढ़ाएं गए हार या फूल उठाकर हमें दे देता है।
वही मंदिर के पंडित द्वारा दिए गए इस हार या फूल को लेकर हम परेशान हो जाते हैं कि अब इसका क्या किया जाए क्योंकि घर पहुंचते-पहुंचते यह खराब हो जाते है। ऐसी अवस्था में मंदिर से प्राप्त हुए फूल को हथेली पर रखकर सूंघ लेना चाहिए। सूंघने के पश्चात् इस फूल को किसी पेड़ के नीचे या किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि सूंघने से फूल की सकारात्मक ऊर्जा हमारे शरीर में चली आती है। तत्पश्चात भी मंदिर से प्राप्त हुए फूल या माला नहीं संभाले जा रहे हैं तो इसे किसी बहते हुए शुद्ध जलधारा में प्रवाहित कर देना चाहिए।