भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, आगरा, जयपुर, पानीपत, जम्मू और कश्मीर के के 150 से अधिक निर्यातकों ने लगाई है कालीनों की प्रदर्शनी, 64 देशों के लगभग 300 विदेशी खरीदारों ने पूछ परख व खरीदारी
-सुरेश गांधी
वाराणसी : वस्त्र मंत्रालय के अधीन कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के तत्वावधान में आयोजित 41वां इंडिया कारपेट एक्सपो का आगाज हो गया है। सीईपीसी चेयमैन सिद्धनाथ सिंह, सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश कुमार गुप्ता, अब्दुल रब, मो. वासिफ अंसारी, हुसैन जाफर हुसैनी, संजय कुमार गुप्ता, श्रीराम मौर्य, सीईपीसी निदेशक संजय कुमार, हाजी शौकत अली अंसारी, अब्दुल हादी, विमल बरनवाल, रुपेश बरनवाल, भरत मौर्या, पंकज बरनवाल, मनोज जायसवाल आदि मौजूद थे। अंत में प्रशासनिक सद उमेश कुमार गुप्ता ने परिषद की ओर से औपचारिक धनवायद दिया। श्री सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि परिषद भदोही कालीन एक्सपो मार्ट को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने की प्रक्रिया में है। 7 फरवरी, 2021 को सदस्य निर्यातको के लिए कर्टेन रेज़र प्रोग्राम का आयोजन किया है।
सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि कालीन खरीदारों के प्रावधानों के अनुसार किसी भी प्रकार के डिजाइन, रंग, गुणवत्ता और आकार के अनुरूप भारत की अद्वितीय क्षमता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक घरेलू नाम बना दिया है। उद्योग भारत के विभिन्न बंदरगाहों यानी ऊन, रेशम, मानव निर्मित फाइबर, जूट, कपास और विभिन्न यार्न के विभिन्न मिश्रणों से विभिन्न कच्चे माल का उपयोग करता है। उद्योग में उत्पादन और निर्यात दोनों में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं। उद्योग पर्यावरण के अनुकूल है और दुर्लभ और खराब ऊर्जा संसाधनों का उपयोग नहीं करता है। एक्सपो हस्तनिर्मित कालीनों पर दुनिया भर में एक बहुत लोकप्रिय गंतव्य बनाता है। इंडिया कारपेट एक्सपो भारतीय उत्पादों की मांग और हस्तनिर्मित कालीनों की मांग को पूरा करने के लिए एक पहल है। यह एशिया का सबसे बड़ा कालीन एक्सपो है जो खरीदारों और विक्रेताओं को वैश्विक कालीन उद्योग को विकसित करने और मजबूत करने के लिए तालमेल बनाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह के अनुसार, हम विभिन्न स्तरों पर भारतीय निर्माताओं को बढ़ावा देने के प्रयास के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस वर्ष वर्चुअल-एक्सपो से उच्च उम्मीदें हैं। इस वर्ष हम भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतर्राष्ट्रीय कालीन खरीदारों के लिए एक आदर्श मंच है, जो घरों को खरीदना, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों को खरीदना और दीर्घकालिक व्यापार संबंध स्थापित करना और स्थापित करना है। श्री सिद्धनाथ नाथ सिंह ने उम्मीद जताई कि सदस्य के सहयोग से अगले 2 वर्षों में भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों का निर्यात दोगुना हो जाएगा। जिससे न सिर्फ कारीगरों को रोजगार मिलेगा, बल्कि उद्योग से जुड़े सभी हितधारकों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। श्री सिंह ने बताया कि भदोही में कारपेट एक्सपो मार्ट सोलर पावर वाला एक ग्रीन मार्ट है, जिसमें हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग के प्रदर्शन के लिए लगभग 130 वर्ग मीटर की 94 स्थायी दुकानें हैं। मार्ट में प्रदर्शनी हॉल 7000 वर्ग मीटर है। उहोने बताया की मार्ट वातानुकूलित एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की अन्य सभी सुविधाओं से सुसज्जित हैं। जिसमे कॉन्फ्रेंस हॉल, 5 रेस्तरां, 8 लिफ्ट, वाई-फाई, सीसीटीवी, सेंट्रल पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पर्याप्त पार्किंग आदि की सभी सुविधाए है।
उन्होंने कहा कि परिषद ने 14 दिसंबर, 2020 से अपने क्षेत्रीय कार्यालय को मार्ट मे स्थानांतरित कर दिया और बीड़ा ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 5 र्स्टा होटल के निर्माण के लिए मार्ट के पास जगह आवंटित कर दी है। श्री सिंह ने बताया कि परिषद को सदस्यो से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली हैं और मार्ट में 41 दुकानें मौके पर ही बुकिंग करी दी गयी। श्री सिंह ने बताया कि परिषद दुकानों के आवंटन करके मार्ट को पूरी तरह से कार्यात्मक बनाने की प्रक्रिया में है। बैठक में उमेश कुमार गुप्ता, अब्दुल रब, राजेंद्र प्रसाद मिश्र, मो. वासिफ अंसारी, हुसैन जाफर हुसैनी, संजय कुमार गुप्ता व सीईपीसी के अधिशासी निदेशक संजय कुमार, तनवीर हुसैन, असलम महबूब, राज कुमार बोथरा, जेपी गुप्ता, भरत लाल मौर्य, पीयूष बरनवाल, सोभनाथ गुप्ता, इम्तियाज अहमद, पंकज बरनवाल, सौरव जायसवाल, अनिल केशरी, दिव्य बरनवाल, कूवर शमीम, अतीक खान आदि उपस्थित थे।